स्वातंत्र्य समर में अत्यंत कठिन परिस्थितियों और हताशा के घने काले बादलों के मध्य आकाशीय विद्युत की कौंध था विनायक दामोदर सावरकर का आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय। वे क्रांति की आकाशगंगा के प्रखरतम नक्षत्रों में से एक थे, जिन्होंने नवीन भारत को गढ़ने की प्रेरणा दी। उनकी पुण्यतिथि (26 फरवरी) …
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