खबर का शीर्षक निश्चित ही चौंकाने वाला है , लेकिन सौ फीसदी सही है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि थैलेसीमिक मरीजों के इलाज में बकरे का खून इस्तेमाल करने की यह पद्धति पांच हजार साल पुरानी है.भारत में इसका प्रयोग अहमदाबाद में किए जाने के बाद अब इसे पंजाब के …
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