विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की आत्मा है, क्योंकि यही एक मात्र ऐसा तत्व है जो आम लोगों को स्वयं संप्रभु होने का एहसास प्रदान करता है। विचारधारा सामान्य नागरिक का, समाज का एवं विभिन्न संगठनों आदि का बौद्धिक प्राण तत्व है। विचार एवं विचारधारा ही व्यक्ति के सामाजिक, …
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