इस घटना में मोतिहारी पुलिस ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के दो युवक अरुण राम और दीपक राम हत्या की जांच में छह लोगों (उमाशंकर पटेल, मोती पासवान, मुकेश यादव, बृजकिशोर गिरी, मुजाहिद अंसारी और शंभू गिरी) को गिरफ्तार किया था। जांच के बाद मोती पासवान ने स्वीकार किया कि अरुण और दीपक की हत्या इन लोगों ने इसलिए कर दी क्योंकि पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन में एक अक्टूबर को रेलवे ट्रैक पर बम ब्लास्ट करना था, जिसमें वे विफल रहे।
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इस काम के लिए दोनों को अच्छी खासी रकम का भुगतान किया गया था। पैसा नहीं लौटाने पर नेपाल में बुलाकर उनकी हत्या कर दी गई थी। पूछताछ के दौरान मोती पासवान ने स्वीकार किया कि न केवल घोड़ासहन बल्कि कानपुर में 20 नवंबर को हुए रेल हादसे के पीछे भी उनका हाथ है और वहां भी ट्रेन जब गुजर रही थी तब बम ब्लास्ट किया गया था।
मोतिहारी में एसपी जितेंद्र राणा ने दावा किया था कि 20 नवंबर को पुखराया के पास हुआ रेल हादसा आईएसआई की साजिश का नतीजा था। आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली कि कानपुर रेल हादसे का मास्टर माइंड दुबई में बैठा नेपाल का कारोबारी शम्शुल होदा है। उसी ने इसे अंजाम देने के लिए फंडिंग की थी। मालूम हो कि पिछले साल 20 नवंबर को पटना-इंदौर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।