सोमवार 21 जून से शुरू हो रहे सप्ताह में कई व्रत त्योहार आएंगे। इस हफ्ते में जहां ज्येष्ठ मास समाप्त होगा वहीं आषाढ़ मास की शुरुआत होगी। ज्येष्ठ मास का आखिरी बड़ा मंगल भी इसी हफ्ते में होगा। इसी हफ्ते में निर्जला एकादशी का महाफलदायी और कठिन व्रत भी आएगा। इस सप्ताह सोमवार से रविवार के बीच हिंदी का एक माह समाप्त होगा और दूसरे की शुरुआत होगी। कुल-मिलाकर धार्मिक दृष्टि से यह सप्ताह काफी व्यस्तता वाला रहेगा। आइए जानते हैं इन सप्ताह में और कौन से व्रत और त्योहार आएंगे।
निर्जला एकादशी (21 जून) – इस हफ्ते सबसे पहले सोमवार के दिन आएगी निर्जला एकादशी। प्रत्येक हिंदी मास में दो बार एकादशी तिथि आती है। यह एकादशी तिथि शुक्ल पक्ष की होगी। माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से एक साल में जितनी एकादशी आती हैं, सबके बराबर फल मिलता है। एक साल में 24 एकादशी तिथि होती हैं।
बड़ा मंगल, भौम प्रदोष व्रत (22 जून) – मंगलवार के दिन भोम प्रदोष और जेठ का आखिरी मंगल एक साथ पड़ रहे हैं। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत करते हैं। मंगलवार के दिन होने वाले प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और मंगलवार होने से इस दिन हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व है।
इसी दिन जेठ का आखिरी बड़ा मंगल भी है। जेठ के मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और उपवास का विशेष महत्व है। इस दिन बजरंग बली के मंदिरों में खास आयोजन होते हैं और भक्त लंबी-लंबी लाइनों में लग कर उनके दर्शन करते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा (24 जून ) – ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन हमारे देश दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में वट पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत और पूजा करती हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा 24 जून गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। इसके अगले दिन से आषाढ़ मास प्रारंभ हो जाएगा। इसके अलावा इसी दिन कबीर जयंती भी मनाई जाएगी।
संकष्टिन चतुर्थी (27 जून) – यह आषाढ़ मास का पहला त्योहार होगा। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। पूरा दिन व्रत करने के बाद शाम के समय फलाहार किया जाता है। प्रत्येक मास में दो बार गणेश जी की चौथ आती है और हर चौथ का अलग महत्व होता है।
अपराजिता श्रीवास्तव