इस देश में 1 दर्जन केले 3000 रुपए में, महंगाई बनी आफत

भारत में महंगाई लगातार बढ़ रही है। पेट्रोल और डीजल के दाम तो आसमान पर पहुंच गए हैं। खाद्य पदार्थों के दाम भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन इतने भी नहीं जितने इस देश में। पिछले दिनों खबर मिल रही थी कि वेनेजुएला में पैसा होने के बाद भी लोगों को रोटी नहीं मिल पा रही, हालांकि वहां की महंगाई दर आज भी काफी अधिक है। लेकिन तमाम रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अब तानाशाह शासक किम जोंग उन के देश उत्तरी कोरिया में भी महंगाई लोगों का जीना मुश्किल कर रही है। यहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात भुखमरी जैसे हैं लेकिन देश अपना पैसा परमाणु युक्त मिसाइलों के परीक्षण में खर्च कर रहा है। आइए जानते हैं वहां ये हालात कैसे हुए।

खाद्य संकट गहराया, नहीं नसीब हो रहा खाना
उत्तर कोरिया उन देशों में शुमार है जो तानाशाही के बल पर चलते हैं। वहां लोकतंत्र नहीं है और सरकार जो चाहती है वह करती है। यहां परमाणु परीक्षण और सैन्य बल पर देश की जीडीपी का काफी अधिक पैसा खर्च किया जा रहा है जिससे यह हालात उत्पन्न हो रहे हैं। वहां खाद्य संकट गहरा गया है और खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। वहां एक किलो केले की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार 3335 रुपए बताई जा रही है। वहीं पिछले दिनों लाखों लोग ऐसे रहे जिनको खाना तक नसीब नहीं हुआ। तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, तानाशाह किम ने भी यह स्वीकार किया कि उनके देश में संकट है।

क्या कारण आया सामने
तानाशाह किम जोंग उन की ओर से बढ़ती महंगाई पर सफाई दी गई और इसका कारण बताया गया। तमाम रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपनी पार्टी की बैठक में नेताओं को बताया कि कृषि क्षेत्र अनाज की पैदावार लक्ष्य के मुताबिक नहीं हुई जिससे भंडार ज्यादा नहीं भर सका। पिछले साल तूफान आए और बाढ़ की वजह से भी काफी नुकसान कोरिया को हुआ। उत्तर कोरिया में कोरोना महामारी भी आया जिसे वहां बेहद ही अजीब तरह से निपटा गया। कई बार खबरें आई कि संक्रमण से ग्रस्त लोगों को मारा भी गया लेकिन यह पुष्टि किसी ने नहीं की। कोरिया ने अपनी सीमाएं बंद की जिसकी वजह से लोगों का आना जाना कम हुआ और इसी के तहत चीन से उसका व्यापार भी बेहद कम हो गया।

कैसे करता है कमाई, और क्या हुआ महंगा
उत्तर कोरिया अपनी कमाई के लिए पर्यटन पर कम निर्भर है। वहां सैलानी अन्य देशों के मुकाबले कम आते हैं। इसके पीछे वहां के तानाशाही शासन और नकारात्मक खबरें हैं। नागरिकों के साथ बर्ताव की खबरों की वजह से भी वहां से लोग कतराते हैं। जबकि अन्य कई देशों में पर्ययन आय का महत्त्वपूर्ण साधन होता है। इसके अलावा कोरिया खाने के सामान, खाद, ईंधन के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। चीन से ही उसे तमाम चीजें प्राप्त होती हैं। वह ईंधन के बड़े खर्च से भी जूझ रहा है और काफी कर्ज भी है। कोरिया में केले के अलावा 70 डॉलर यानी भारतीय रुपए में 5200 रुपए में कम पैकेट चायपत्ती, एक पैकेट कॉफी 100 डॉलर यानी की 7300 रुपए से अधिक है। इसी तरह अन्य खाद्य सामान के दाम भी महंगे हो गए हैं।

GB Singh

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