वास्तु शास्त्र के मुताबिक चलने वाले व्यक्तियों का जीवन सुख में होता है उन्हें कभी धन की कमी नहीं होती है या यूं कहें उनका घर सुख और सौभाग्य से भरा रहता है। पर आमतौर पर लोग कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं जो उन्हें ही नहीं पता होती इसका खामियाजा यह होता है कि उनके कभी स्वास्थ्य में कमी आती है कई सारी परेशानियां आती हैं पारिवारिक कलह होता है नौकरी से भी अच्छी खबरें नहीं आती।
क्या कभी आपने सोचा कि ऐसा क्यों हो रहा है आपके साथ तो चलिए आज हम आपको वास्तु शास्त्र के मुताबिक वह पांच चीजें बताएंगे जो आप रोजमर्रा की जिंदगी में दोहराते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक जो ऐसी होती हैं जहां पर आपके चप्पल या जूते पहनकर जाने से उसका परिणाम अशुभ आता है लेकिन लोग तब भी सुधरने का नाम नहीं लेते और जानबूझकर उन्हीं जगहों पर चप्पल या जूते पहन कर चले जाते हैं।
भंडार घर
भंडार घर में कभी जूते चप्पल पहन कर नहीं घूमना चाहिए ऐसा करने से वास्तु शास्त्र के मुताबिक परिणाम घातक आते हैं। अगर कोई भी व्यक्ति भंडार घर में जूते चप्पल पहन कर जाता है तो उसके यहां अन्य की कमी होती है और भी बाधाएं आती है।
तिजोरी के पास चप्पल पहनना
तिजोरी के पास से चप्पल या जूते पहननातिजोरी के पास से चप्पल या जूते पहनना या वहां पर रखना अशोक माना गया है। कहते हैं तिजोरी के पास मां लक्ष्मी जी का वास होता है इसलिए वहां जूते चप्पल पहन कर कभी नहीं जाना चाहिए इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और आर्थिक तंगी का व्यक्ति को सामना करना पड़ता है।
नदियों में चप्पल पहन कर ना जाए
वास्तु शास्त्र के मुताबिक कभी पवित्र नदियों में पैर रखने से पहले उनका आप अपने चप्पल या जूते बाहर निकाल दे और नदी को हाथ से स्पष्ट करते हुए उसे क्षमा याचना और आशीर्वाद लें। नदियों में स्नान करने से पूर्व चमड़े की बनी कोई भी वस्तुएं नहीं चाहिए जिससे कि सुख और शांति में बाधा आती है।
रसोई घर में चप्पल ना पहने
आमतौर पर लोग यही गलतियां कर देते हैं और कहीं से भी घूम कर आते हैं तो रसोई घर में जूते पहन कर चले जाते हैं ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा क्रोधित होती है और व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयों का अंबार लगना शुरू हो जाता है।
धार्मिक स्थानों पर जूते पहनना
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कभी भी धार्मिक स्थानों पर जूते चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए इससे भगवान ईश्वर या अल्लाह नाराज होते हैं। जिसका दुष्परिणाम आप को ही भुगतना पड़ता है।