बिहार: मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को कभी उपलब्धि बताते हुए बिहार के सीएम ने जहां बड़ी तारीफें की थी। आज बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने इस पर सवाल उठाए हैं। कभी नोटबंदी का पुरजोर समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी विफलता के लिए बैंकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ जितना लोगों को मिलना चाहिए थाए उतना नहीं मिल पाया।
नोटबंदी से देश की जनता को 3-4 महीने तक परेशानी उठाने के अलावा कुछ नहीं मिला और देश को भी ज्यादा कुछ फायदा मिला हो ऐसा लगता तो नहीं है। नीतीश ने कहा कि मैं पहले नोटबंदी का समर्थक था लेकिन इससे फायदा कितने लोगों को हुआ? कुछ लोग अपना पैसा एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर ले गए।
उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में बैंकों की बड़ी भूमिका है। बैंकों का काम सिर्फ जमा, निकासी और लोन देना ही नहीं रह गया है बल्कि एक-एक योजना में बैंकों की भूमिका बढ़ गई है। उन्होंने कहा बिहार के लोगों में कर्ज लेने की आदत ज्यादा नहीं है जो लेना भी चाहते हैं उसके बैंकों ने कड़े मापदंड तय कर रखे हैं।
उसमें उन्हें काफी परेशानी होती है। नीतीश ने आगे कहा कि आप छोटे लोगों को लोन देने के लिए विशिष्ट हो जाते हैं लेकिन उन ताकतवर लोगों का क्या जो लोन लेकर गायब हो जाते हैं। यह आश्चर्यजनक है कि बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों तक को भी इसकी भनक नहीं लगती।
बैंकिंग सिस्टम में सुधार की जरूरत है मैं आलोचना नहीं कर रहा हूंए सिर्फ व्यक्त कर रहा हूं। नीतीश कुमार पटना में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
यहां उन्होंने कहा कि देश में विकास के लिए जो धनराशि सरकार मुहैया कराती है उसके सही आवंटन के लिए बैकों को अपना सिस्टम मजबूत बनाना होगा। ऊपर से नीचे तक इन चीजों को देखना होगा। बैंकिंग संस्थानों को और मजबूत करने की जरूरत बताते हुए नीतीश ने कहा कि बैंकों की भूमिका दिन पर दिन और बढ़ेगी।