बॉलीवुड में हमेशा ही हीरो और हीरोइन के बीच बराबरी न होने को लेकर मुद्दा उठता आया है। बात चाहे सैलरी की हो या फिर प्रायोरिटी की… हीरो को ज्यादा तवज्जो मिलने पर कई बार अभिनेत्रियां वोकल रही हैं। हाल ही में, नुसरत भरूचा (Nushrratt Bharuccha) ने भी इस बारे में बात की है।
नुसरत भरूचा करीब दो दशक से सिनेमा में काम कर रही हैं। उन्होंने ड्रीम गर्ल, प्यार का पंचनामा और सोनू के टीटू की स्वीटी जैसी तमाम फिल्मों में काम किया है। हाल ही में, नुसरत ने रिवील किया है कि सेट पर एक्टर और एक्ट्रेसेज के बीच बराबरी नहीं होती है। एक्टर्स को ज्यादा बढ़िया वैनिटी वैन मिलती है।
हीरोइन से ज्यादा हीरो को मिलते हैं ऑप्शंस
बॉलीवुड इंडस्ट्री में जेंडर इक्वेलिटी पर बात करते हुए नुसरत भरूचा ने कहा, “जैसे ही कोई लड़का हिट देता है, चाहे वह अंदर का हो या बाहर का, उसे तुरंत पांच नए ऑप्शन मिल जाएंगे लेकिन महिलाओं को संघर्ष करते रहना पड़ता है। मैं प्यार का पंचनामा (2011) के समय से यह कह रही हूं। एक लड़की के लिए बाहर निकलना और बहुत सारे ऑप्शन मिल जाना। मैं यह नहीं कह रही हूं कि उसे रातोंरात सनसनी बन जाना है या कुछ और बन जाए।
छोरी एक्ट्रेस कहा, “एक अभिनेता अपनी फिल्म के हिट होने के बाद क्या चाहता है? फ्यूचर प्रोजेक्ट्स के लिए कुछ ऑप्शंस का मिलना है जिनमें से वह चुन सके। बस इतना ही। उन्हें बस अवसरों की जरूरत है। हमें हीरो जितने ऑप्शंस नहीं मिलते।”
हीरोइन से बेहतर हीरो की थी वैनिटी वैन
नुसरत भरूचा ने कहा कि हीरो को उनसे अच्छी वैनिटी वैन मिली है। उन्होंने कहा, “कई बार ऐसा हुआ है कि मैं पूछती रही, ‘क्या मैं 5 मिनट के लिए हीरो की वैनिटी वैन इस्तेमाल कर सकती हूं? वह वैसे भी यहां नहीं है। क्या मैं वॉशरूम इस्तेमाल कर सकती हूं?’ क्योंकि वे मेरे वॉशरूम से बेहतर हैं। हालांकि, मैं उस समय शिकायत या झगड़ा नहीं करूंगी। मैं खुद से कहती हूं कि मैं खुद को उस मुकाम पर ले जाऊंगी जहां मुझे ये चीजें अपने आप मिले।”
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