अभी-अभी: जयललिता को लेकर सबसे बड़ी खबर
अंतिम संस्कार से संबंधित कार्यक्रम उनके निवास पर पूरे किए जाएंगे। आज शाम 4.30 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को लोगों के दर्शन के लिए चेन्नई के ‘राजाजी भवन’ में रखा जाएगा। ‘राजाजी हॉल’ वही जगह है जहां 1987 में एमजी रामाचंद्रन के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। उस वक्त रामाचंद्रन के दर्शन के लिए उन्हें राजाजी हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया था।
वह किसी तरह राजाजी भवन में प्रवेश करने में सफल हुई थीं और इसके बाद उन्होंने एमजीआरे के पार्थिव शरीर के पास खड़े होकर एक तस्वीर खिंचवाई थी। एमजीआर के देहांत के बाद पार्टी दो धड़े में बंट गई थी। एक धड़ा जानकी रामाचंद्रन के समर्थन में था तो दूसरा जयललिता के। एमजीआर की पत्नी जानकी रामाचंद्रन ने 7 जनवरी 1988 को प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान संभाली। उनके पास 96 विधायकों का समर्थन था।
वह केवल 23 दिन तक मुख्यमंत्री रह पाईं। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष अनियमितता बरतते हुए जयललिता के खेमे के 6 विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी। जिसके कारण जानकी के लिए विश्वासमत हासिल करना आसान हो गया। लेकिन राजीव गांधी सरकार ने तमिलनाडु में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा कर दी। इसके बाद पार्टी में जयललिता की पकड़ मजबूत हो गई।
इसके बाद 1991 में वो पहली बार तमिलनाडू की मुख्यमंत्री बनीं। प्रदेश में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। पूरे प्रदेश में तीन दिन तक स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे।