लखनऊ: डॉगी चोरी के मामले में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम थाने में दो पक्षों में जमकर बहस हुई। दोनों पक्ष डॉगी पर अपना दावा कर रहे थे। इस दावे के आगे पुलिस भी बेबस नज़र आ रही थीं। इसके बाद पुलिस ने इस विवाद को हल करने के लिए अनोखा तरीका निकला। पुलिस ने डॉगी को खुला छोड़ा और वह सबसे पहले जिसके पास जाकर रूका, पुलिस ने उसी को उसका मालिक मानते हुए डॉगी को उसके हवाले कर दिया।

जानकीपुरम के आयुष विहार कॉलोनी फेस-2 निवासी व ब्यूटी पार्लर संचालिका सरोज सिंह ने बताया कि उनका तीन साल का डॉगी जैकी 24 दिसंबर की रात करीब 11.30 बजे घर के बाहर घूम रहा था। कुछ देर बाद उनके पति उमेश सिंह डॉगी को लेने बाहर निकले तो वह नहीं दिखा। काफी तलाश करने के बावजूद उसका पता न चलने पर घटना की सूचना यूपी-100 पर दी गयी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने भी गश्त कर डॉगी को तलाशा। पता न चलने पर अगले दिन उसकी गुमशुदगी की तहरीर थाने पर दी गई। सरोज के मुताबिक गुरुवार को वह अपने पार्लर में थी। तभी उसकी एक ग्राहक ने उसके जैसे डॉगी को एक घर मे देखने का दावा किया। जिसके बाद सरोज उस घर मे गयी, जहां घर के अंदर नजर आए डॉगी को सरोज ने पहचान लिया। जबकि आरोपी शख्स खुद को डॉगी का असली मालिक बता रहा था।
इतना ही नहीं आरोपी ने डॉगी खरीद की एक रशीद भी दिखाई। यूपी-100 की सूचना पर पहुंची पुलिस को दोनों पक्ष ने डॉगी पर अपना-अपना दावा ठोंका। कालोनी में हंगामा होता देख पुलिस दोनों पक्ष व डॉगी को थाने ले आई जहां इंस्पेक्टर राजकुमार ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद दोनो को डॉगी से दूर खड़ा किया और कहा कि जिसके पास डॉगी जायेगा वही उसका असली मालिक होगा। इसके बाद डॉगी सरोज व उनके पति उमेश से जाकर लिपट गया। जिसके बाद आरोपी को हिरासत में लेकर डॉगी को सरोज के सुपुर्द कर दिया गया।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features