POK के लोग syed salahuddin ( आतंकी सलाहुद्दीन ) जैसे आतंकियों से इतना डरे रहते हैं कि लोग अपने घरों की बहू-बेटियों को भी बाहर नहीं निकले देंते| आतंकवाद की तुलना अच्छे और खराब से नहीं की जा सकती है। आतंकवाद का चेहरा कभी अच्छा नहीं होता है। लेकिन, वो कितना बुरा हो सकता है इसकी पड़ताल जरुर की जा सकती है। पूरी दुनिया ये जानती है कि पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं। जिन्हें पाकिस्तान सरकार, पाक आर्मी और आईएसआई का पूरा संरक्षण मिला हुआ है।
इन आतंकियों को और इनके ट्रेनिंग कैंपों को लोकल आर्मी कहा जाता है। लेकिन, इन्हीं लोकल आर्मी के जवानों (आतंकवादियों) ने पूरी की पूरी पाक अधिकृत कश्मीर की घाटी को तबाह करके रखा हुआ है। ये आतंकी यहां पर हैवानियत की हदें पार करते हैं। जानकारी के मुताबिक हिजबुल मुजाहिद्दीन का मुखिया सैयद सलाहुद्दीन छोटी बच्चियों का शौकीन है। वो हर रोज कई बच्च्यिों को अपनी हवस का शिकार बनाता है। सिर्फ उसके नाम पर पीओके से रोजाना दस से 12 बच्चियां उठाई जाती हैं। जाहिर है कि अगर उसके नाम पर बच्चियों या फिर लड़कियों को अगवा कर उनका बलात्कार किया जा रहा है तो जरुरी नहीं है कि सारी की सारी लड़कियों का बलात्कार वही करता हो। उसके गुर्गे भी यहां पर हैवानियत का नंगा नाच करते हैं। अभी हाल ही में पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन समेत सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ आवाज उठाई थी।
वो लोग इन लोगों को यहां से भगाना चाहता हैं क्योंकि इन आतंकियों की वजह से पीओके के लोगों की जिदंगी हराम हो गई है। यहां पर भी खास तौर पर मुस्लिम समाज के एक वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जाता है। प्राथमिक उसी वर्ग के लोग होते हैं। लेकिन, हालत ये है कि आतंकियों की नजर जिस पर पड़ जाती है वो उसे उठाने से परहेज नहीं करते हैं। सूत्र बताते हैं कि 70 साल का सैयद सलाहुद्दीन की हैवानियत ऐसी है कि वो हर बार सिर्फ 12 से 15 साल की बच्चियों को ही अपना शिकार बनाता है। बच्चियों और लड़कियों को बंधक बनाकर दिन में कई-कई बार उनकी इज्जत को रौंदा जाता है। इसके बाद उसके गुर्गे अपनी हवस की प्यास को बुझाते हैं। इसे जेहाद का सबसे घिनौना चेहरा कहा जा सकता है।
स्थानीय लोगों के भीतर भी इन लोगों का खौफ इस कदर है कि वो इनके खिलाफ कहीं शिकायत करने भी नहीं जाते हैं। क्योंकि लोकल आर्मी (आतंकवादियों) के खिलाफ ना तो पाकिस्तानी फौज कोई सुनवाई करती है और ना ही पाक अधिकृत कश्मीर की पुलिस। ऐसे में लोग खुद ही एहतियात बरतते हैं। कई गांवों में तो लोगों ने घर की जनानियों के बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दी है। पाकिस्तानी सूत्र बताते हैं कि यहां पर सुन्नी जेहादी संगठनों ने पाकिस्तान सेना के साथ मिलकर गदर मचाया हुआ है। सबसे ज्यादा बुरे हालात पाक अधिकृत कश्मीर के कबायली इलाकों के हैं। मीरपुर, मुजफ्फराबाद, भिंबर, कोटली और देव बटाला जैसे इलाकों में सैयद सलाहदुद्दीन जैसे आतंकियों का खौफ व्याप्त है। इन इलाकों में हर रोज ना जाने कितनी बच्चियों की इज्जत तार-तार होती है।
जेहाद के नाम पर लड़ने वाले आतंकी बच्चियों के जिस्म से अपनी हवस की भूख मिटाते हैं। कई मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं जहां महीनों तक लड़कियों और बच्चियों को बंधक बनाकर रखा जाता है और उनका यौन शोषण होता है। ये आतंकी महिलाओं को अपनी यौन दासी बनाकर रखते हैं। इन आतंकियों के पाखंड के नियम भी बड़े ही गजब के हैं। हवस मिटाने की शुरुआत संगठन के मुखिया से होती है और खत्म आतंकी करता है।
साभार: उज्जवल प्रभात