लखनऊ: हाईस्कूल पास एक युवती कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाते लगाते खुद ही फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बन बैठी। इसके बाद वह अपने दो साथियों के साथ पुलिस इंस्पेक्टर बन गाडिय़ों की चेकिंग करने लगी। मंगलवार की सुबह इस बात का पता लखनऊ की मोहनलालगंज पुलिस को हुआ तो पुलिस ने हाईवे के पास युवती और उसके दो साथियों को धर लिया। पुलिस ने उनके पास से एक स्कार्पियो गाड़ी भी बरामद की है।
इंस्पेक्टर मोहनलालगंज धीरेन्द्र प्रताप कुशवाहा ने बताया कि मंगलवार की सुबह पुलिस को इस बात की सूचना मिली कि फूलवरिया मोड के पास एक महिला इंस्पेक्टर दो युवकों के साथ मिलकर वाहनों की चेकिंग कर रही है।
इस सूचना के बाद मोहनलालगंज पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि एक महिला पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहन स्कार्पियो गाड़ी के साथ मौजूद है और उसके साथ दो युवक भी हैं। इस पर पुलिस टीम महिला के पास पहुंची। पुलिस ने जब महिला से उनका और पता पूछा तो उसने बताया कि वह अमेठी कोतवाली में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है। इस पर मोहनलालगंज ने अमेठी कोतवाली पुलिस से बातचीत की तो पता चला कि वहां पर कोई महिला इंस्पेक्टर तैनात नहीं है।
जूत और बैच गलत लगा रहे थे महिला
पुलिस जब महिला से बातचीत कर रही थी तभी पुलिस की नज़र उसकी वर्दी पर पड़ी। महिला ने इंस्पेक्टर के भूरे रंग के जूतों की जगह काले रंग का जूता पहन रखा था। पुलिस विभाग में काले रंग का जूता सब इंस्पेक्टर से नीचे के लोग पहनते हैं। वहीं महिला दारोगा ने वर्दी परी लगने वाला बैच बायें हाथ के बजाय दाहिने हाथ पर लगा रखा है। वहीं पु लिस ने जब महिला से उसका भर्ती का सन और पीएनओ नम्बर पूछा तो वह कुछ नहीं बता सकी। इस पर पुलिस को यकीन हो गया कि महिला फर्जी इंस्पेक्टर है। इस पर मोहनलालगंज पुलिस ने महिला और उसके साथ मौजूद दोनों साथियों को धर लिया। पूछताछ की गयी तो महिला ने अपना नाम रायबरेली निवासी शाहीन बानो, रामकिशोर और जितेन्द्र बताया। पुलिस ने जब उन लोगों से स्कार्पियो गाड़ी के पेपर मांगे तो वह एक भी पेपर नहीं दिखा सके। इस पर पुलिस ने स्कार्पियो गाड़ी को भी सीज कर दिया।
पत्नी से फैमिली कोर्ट में चल रहा है मुकदमा
इंस्पेक्टर मोहनलालगंज ने बताया कि आरोपी महिला की शादी सलमान नाम के एक युवक से हुई थी। महिला का एक बेटा भी है। शादी के कुछ साल के बाद महिला और उसके पति सलमान मेें मनमुटाव हो गया और दोनों अलग हो गये। मौजूदा समय में दोनों का मामला फैमिली कोर्ट में चल रहा है। महिला ने बताया कि अक्सर अपने मामले की पैरवी के लिए उसको कोर्ट आना पड़ता था। इस बीच किसी अनजान ने उसको इस बात की राय दे दी कि वह इंस्पेक्टर बनकर बड़ी आराम से अपना और लोगों का काम करा सकती है। इसके बाद शाहीन बानो ने दर्जी से इंस्पेक्टर की फर्जी वर्दी सिलवायी और फिर फर्जी इंस्पेक्टर बन बैठी। आरोपी रामकिशोर और जितेन्द्र भी उसके साथ शामिल हो गये। वह लोग मिलकर लोगों का काम करने के नाम पर रुपये वसूलते थे।