लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी माल इलाके में रहने वाली एक महिला अपने पति के खिलाफ शिकायत लेकर दौड़ती रही पर पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की। पति ने इस बीच मामले को पंचायत में रखा तो पंचायत ने 50 रुपये के स्टाम्प पेपर पर तालक का आदेश जारी कर दिया।
माल के केरोरा गांव निवासी किसान अवधेश रावत ने अपनी बेटी गुडिय़ा की शादी साथ डेढ़ वर्ष पहले बक्खा खेड़ा गांव के विवेक के साथ की थी। इससे पहले गुडिय़ा की शादी माल के एक गांव से हुई थी, लेकिन गुडिय़ा का पहले पति से तलाक हो गया था। पिता ने दूसरी शादी काफी सोच- समझ कर विवेक के साथी की। कुछ दिन पहले गुडिय़ा को इस बात का पता चला कि उसके पति विवेक की पहले से शादी हो चुकी है और उसने अपनी पत्नी फूलमति को तलाक दे रखा था।
एक माह पहले फूलमति विवेक के घर आ गयी और घर पर रहने का अधिकार जमाने लगी। जब इसकी भनक गुडिय़ा को लगी तो उसने अपने पिता अवधेश को सारी जानकारी दी। अवधेश अपनी बेटी गुडिय़ा को लेकर माल थाने पर पहुंचा और विवेक के खिलाफ लिखित शिकायत की लेकिन थाने से उसे टरका दिया। लगातार थाने के चक्कर काटने के बाद गुडिय़ा को न्याय नही मिला।
इसी बीच विवेक ने पंचायत में फैसला कराने की बात कहीं। इसके बाद पंचायत बुलायी गयी और रविवार को पंचायत में गुडिय़ा के पिता को बुलाया गया। पंचायत ने मामला सुना और गुडिय़ा और विवेक के बीच तलाक का आदेश सुना दिया। पांचयत में 50 रुपये के स्टाम्प पेपर पर तलाक का आदेश भी जारी कर दिया।
पीडि़त गुडिय़ा पंचायत के इस आदेश का विरोध करती रही पर पंचायत ने उसकी एक भी नहीं सुनी। खाप में बुलाने पर रविवार को समय 12 बजे अवधेश को पंचायत में हाजरी देनी पड़ी और पंचायत ने अपना तुगलकी फरमान सुनाकर फारखती नामा लिखकर सम्बन्ध विछेदन का आदेश देकर समाज के ठेकेदारों ने गुडिय़ा का जीवन तबाह कर दिया जबकि गुडिय़ा पंचायत के आगे गिड़गिड़ाती रही लेकिन पंचायत के ठेकेदारों के कान में जू तक नही रेंगी माल भरावन रोड के किनारे थाने से मात्र 900 सौ मीटर की दूरी पर खाप पंचायत पचास रुपये के स्टाम्प पर अपना खेल करती रही और पुलिस सोती रही जबकि सूत्रों की माने तो इस खाप पंचायत की जानकारी पुलिस को थी ।