गाजियाबाद: लोगों को जानवर से कितना प्रेम होता है, इसका अंदाजा सिर्फ और सिर्फ पशु प्रेमी ही लगा सकते हैं। पर क्या कभी आपने सुना है कि किसी जानवर के मरने पर उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं की गयी हो। शायद नहीं सुना होगा। पर हमको आपको ऐसी ही एक तेरहवीं के बारे में बताने जा रहे हैं।

गाजियाबाद के मुरादनगर काकड़ा गांव निवासी देवप्रकाश शर्मा की यह गौरी एक गाय थी। जो 13 वर्षों में उनके परिवार का हिस्सा बन गई थी। उसकी मौत के बाद रविवार को परिवार ने बकायदा भोज दिया। इसके लिए कार्ड बांटकर आसपास के कई गांवों में बांटा गया। भोज में एक हजार से अधिक लोग आए थे।
जिनमें क्षेत्रीय विधायक अजीतपाल त्यागी भी थे। काकड़ा गांव निवासी किसान देवप्रकाश शर्मा ने दिसंबर 2004 में गांव में ही रहने वाले ग्राम प्रधान सतीश त्यागी से दो हजार रुपये में एक गाय खरीदी थी।
उन्होंने इसे नाम दिया गौरी। गत 31 मार्च को किसी जहरीले कीड़े के काटने से गाय की मौत हो गई थी। देवप्रकाश ने तब बैंड-बाजे के साथ उसकी शवयात्रा निकाली थी जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।
इसके बाद उन्होंने तय किया था कि अपनी गौरी से जुड़ा अंतिम संस्कार अलग ढंग से करेंगे। रविवार को गौ माता की स्मृति में हवन यज्ञ किया गया। इसके बाद भोज हुआ। देवप्रकाश शर्मा ने बताया कि जब उन्होंने गौरी को खरीदा था तब उसने एक बछिया को जन्म दिया था। इसके बाद उसने कभी प्रजनन नहीं किया लेकिन लगातार दूध दे रही थी। गाय 10 से लेकर 14 लीटर तक दूध देती थी।
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