लखनऊ: यूरोप के एक देश में नौकरी दिलाने के नाम पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक कम्पनी ने सैकड़ों लोगों से लाखों की ठगी को अंजाम दिया। नौकरी दिलाने वाली कम्पनी ने लोगों का पासपोर्ट और रुपये जमा कराये। इसके बाद 12 दिसम्बर को कम्पनी ताला बंद कर गायब हो गयी। जब लोग कम्पनी के पास अपना वीजा और टिकट लेने के लिए पहुंचे तो उनको पता चला कि कम्पनी बंद हो चुकी है। यह बात सुनने के बाद लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गयी। शुक्रवार को दर्जनों पीडि़त शिकायत लेकर हजरतगंज पुलिस के पास पहुंचे। करोड़ों की इस ठगी के मामले में अब हजरतगंज पुलिस ने विदेश में नौकरी दिलाने वाली कम्पनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
गोरखपुर के श्रद्घानंद शाही ने बताया कि कुछ माह पहले उनको हजरतगंज के हबीबउल्ला स्टेट स्थित एस.एस इंटरनेशनल कम्पनी के बारे में पता चला। यह कम्पनी लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का काम करती है। उनका कहना है कि अक्टूबर माह में वह लखनऊ पहुंचे और कम्पनी के दफ्तर गये। बातचीत करने पर उनको पता चला कि कम्पनी लोगों को अलमीनिया नाम के एक देश मेें नौकरी दिला रही है।
श्रद्घानंद शाही ने अपनी नौकरी के संबंध में बातचीत तो कम्पनी ने उनको फोरमैन की नौकरी दिलाने की बात कही। नौकरी दिलाने के एवज में कम्पनी ने उनसे 65 हजार रुपये की मांग की। इस पर श्रद्घानंद रुपये देने के लिए राजी हो गये। इसके बाद कम्पनी ने सबसे पहले 5 हजार रुपये लेकर उनको मेडिकल कराया। कुछ दिन गुजरने के बाद कम्पनी के लोगों ने उनको फोन किया और बताया कि कम्पनी ने एग्रीमेंट लेटर भेजा है और उनको लेटर पर साइन करना होगा। इस पर श्रद्घानंद लखनऊ स्थित कम्पनी के दफ्तर पहुंचे और एग्रीमेंट लेटर पर साइन किया।
एग्रीमेंट लेटर के नाम पर लिये गये 25 हजार रुपये
श्रद्घानंद शाही ने बताया कि एग्रीमेंट लेटर साइन होते वक्त कम्पनी ने उनसे 25 हजार रुपये की मांग की। बाकी रुपये कम्पनी ने वीजा और टिकट देते वक्त जमा करने के लिए कहा। कम्पनी की बातों पर यकीन कर श्रद्घानंद शाही ने कम्पनी को 25 हजार रुपये नकद दे दिये। साथ ही कम्पनी ने उनको पासपोर्ट भी जमा करा लिया। 12 से 17 दिसम्बर के बीच वीजा और टिकट देने की कही थी बात ठगी का शिकार हुए श्रद्घानंद ने बताया कि कम्पनी ने 12 दिसम्बर से 17 दिसम्बर के बीच उनको वीजा और टिकट देने के लिए बुलाया था।
12 दिसम्बर को कम्पनी बंद कर भाग जालसाज
नौकरी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठने के बाद एस.एस इंटरनेशनल कम्पनी ने 12 दिसम्बर को अपना दफ्तर ही बंद कर दिया और सभी लोग गायब हो गये। 13 दिसम्बर को जब दर्जनों युवक अपना टिकट, वीजा और पासपोर्ट लेने कम्पनी के दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि 12 दिसम्बर को कम्पनी के लोग कम्पनी बंद करके गायब हो गये। यह बात सुनने के बाद सभी युवक सन्न रह गये। उन लोगों ने इस बारे में अन्य लोगों को बताया।
शुक्रवार को दर्जनों युवक पुलिस के पास पहुंचे
नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुए युवकों को जब इस बात का पता चला कि कम्पनी ताला बंद कर गायब हो गयी तो दर्जनों युवक शुक्रवार की सुबह हजरतगंज पुलिस के पास पहुंचे। सभी लोगों ने इस संबंध में हजरतगंज पुलिस से लिखित शिकायत की है। फिलहाल हजरतगंज पुलिस ने इस संबंध में एस.एस इंटरनेशनल कम्पनी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले मेें रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
यह लोग हुए ठगी का शिकार
नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार युवक गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया और बिहार के रहने वाले हैं। शिकायतकर्ताओं ने टिंकू सिंह, इंदल, रमेश सिंह, महताब खान, विजय कुमार, श्याम सुंदर, सचिन राय, अमरनाथ, मोहम्मद अली, विनय कुमार गुप्ता, देवीलाल गुप्ता, धनंजय कुमार शामिल है।
65 से 70 हजार रुपये में हुई थी डील
नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुए युवकों को कहना है कि एस.एस इंटरनेशल कम्पनी ने यूरोप की कम्पनी में नौकरी दिलाने के नाम पर उन लोगों से 65 से 70 हजार रुपये की मांग की थी। अधिकतर लोगों ने एग्रीमेंट लेटर मिलने के बाद सारी रकम जमा कर दी थी। वहीं कम्पनी ने सभी लोगों से मेडिकल के नाम पर 5 हजार रुपये अलग से भी लिये थे।
पासपोर्ट को लेकर सभी हैं परेशान
ठगी का शिकार हुए लोगों का कहना है कि कम्पनी न सिर्फ उनके रुपये बल्कि उनके पासपोर्ट भी अपने साथ लेकर गायब हो गयी है। ऐसे में अब वह लोग दूसरी जगह आवेदन भी नहीं कर सकते हैं। रुपये डूबने से ज्यादा लोगों को पासपोर्ट न मिलने का गम है। अधिकतर लोगों का कहना है कि दोबारा से पासपोर्ट बनवाने में उन लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।