अक्षय तृतीया को अखातीज भी कहा जाता है. जिसका मतलब अनंत, अक्षय फलदायक होता है. कहा जाता है जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं. इस साल अक्षय तृतीया 14 मई को है. अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त माना गया है. जिस तरह दीपावली के दिन लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है उसी तरह अक्षय तृतीया को भी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उपाय किए जा सकते हैं. बताया जाता है कि वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त है. जिसमें पहला और मुख्य स्थान अक्षय तृतीया का है. इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. ये दिन विवाह के लिए भी शुभ होता है. क्योंकि इस दिन जो भी कार्य किया जाता है उसका क्षय यानी नाश नहीं होता है.
कोरोना की दूसरी लहर ने वैसे तो हर त्यौहार पर अपना ग्रहण लगा दिया है. कोरोना काल से पहले इस दिन सराफा बाजार में खूब रोनक रहती थी. बड़े-बड़े शो रूप में लोगों की भीड़ रहती थी. लेकिन इस बार कोरोना के चलते आप ऑनलाइन सोना खरीद सकते हैं.
अगर लॉक डाउन के चलते आपका व्यापार कुछ ढीला है और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अगर आप सोना नहीं खरीद सकते हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है. आप मात्र 5 चीज घर में रखकर भी शुभता प्राप्त कर सकते हैं. वो कैसे आइए जानते हैं-
1. मिट्टी का दीपक- मिट्टी की महत्ता सोने के बराबर होती है. अगर सोने की खरीदी न कर सके तो मिट्टी का कोई भी पात्र या मिट्टी का एक छोटा दीपक भी अक्षय तृतीया के दिन घर में शुभता ला सकता है.
2. मौसमी फल- अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में मौसम के रसीले फल रखना भी शुभ होता है. आप कम से कम कीमत में अच्छे फल रख सकते हैं.
3. कपास- अक्षय तृतीया पर 5 रुपए की कपास यानी रुई भी रखी जा सकती है.
4. नमक- अक्षय तृतीया पर सेंधा नमक घर में रखना शुभ माना जाता है. लेकिन इस नमक का सेवन कतई न करें.
5. पीली सरसो- मुट्ठी भर पीली सरसो रखने से मां लक्ष्मी का आशीष मिलता है.
लॉक डाउन के कारण खरीदी सम्भव नहीं है तो घर में रखी सामग्री को शुद्धकर प्रयोग कर सकते हैं.
दान का महत्व- अक्षय तृतीया के दिन दान को श्रेष्ठ माना गया है. चूंकि वैशाख मास में सूर्य की तेज धूप और गर्मी चारों ओर रहती है और यह आकुलता को बढ़ाती है तो इस तिथि पर शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही आदि खाद्य पदार्थों सहित वस्त्राभूषणों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी होता है.
माना जाता है कि जो लोग इस दिन अपने सौभाग्य को दूसरों के साथ बांटते हैं वे ईश्वर की असीम अनुकंपा पाते हैं. इस दिन दिए गए दान से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. सुख समृद्धि और सौभाग्य की कामना से इस दिन शिव-पार्वती और नर नारायण की पूजा का विधान है. चूंकि तृतीया मां गौरी की तिथि है कि इस दिन गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना से की गई प्रार्थना तुरंत स्वीकार होती है. गृहस्थ जीवन को निष्कंटक रखने के लिए इस दिन उनकी पूजा की जाना चाहिए. गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद, मटकी, खरबूजा और कन्या…. इस दिन इन 14 तरह के दान का महत्व है.