कई दिनों से असम में तेल के कुएं से हो रहे गैस रिसाव को नियंत्रण करने में कामयाबी मिली है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने यह दावा किया है। कंपनी ने कहा है कि गैस का प्रवाह दर काफी कम हो गया है। यह रिसाव 12 जून को रुद्रसागर तेल क्षेत्र के एक कुएं नंबर आरडीएस-147ए से शुरू हुआ था।
सीयूडीडी प्रेशर कंट्रोल की टीम शुक्रवार पर घटनास्थल पर पहुंची थी। उन्होंने ओएनजीसी टीमों की कार्रवाइयों की समीक्षा की। ओएनजीसी ने कहा कि विशेषज्ञों ने अब तक अपनाई गई रणनीति और क्रियान्वयन पर अपनी सहमति व्यक्त की है। कुएं के सुरक्षित प्रबंधन के लिए ओएनजीसी के दृष्टिकोण की प्रभावशीलता की पुष्टि की है। अगले चरण की कार्रवाई को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यापक तैयारियां चल रही हैं।
ओएनजीसी ने दी सुरक्षा की गारंटी
ओएनजीसी ने कहा कि कुएं से ट्यूबलरों को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए चौबीसों घंटे जल कंबलिंग जारी है। इसके अलावा पास की नदी के बाढ़ स्तर की निगरानी की जा रही है। हम यह पूरी तरह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी कार्य पर्यावरण और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुरूप हो। कंपनी ने आगे कहा कि राहत शिविर में सभी जरूरतमंदों की सहायता के लिए चिकित्सक उपलब्ध हैं।
गैस रिसाव से स्थानांतरित हुए लोग
12 जून को शिवसागर जिले के बारीचुक भटियापार में ओएनजीसी के कुएं नंबर आरडीएस-147ए में सर्विसिंग ऑपरेशन के दौरान गैस विस्फोट की घटना हुई थी। कुएं से गैस का रिसाव होने लगा, जिससे आसपास के गांव में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों को वहां से स्थानांतरित कर दिया गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को इस कुएं को स्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया।
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