जीएसटी करेगा खाना महंगा
घर में बैठे-बैठे खाना मंगवाना अब महंगा होने जा रहा है। सरकार के मुताबिक, जल्द ही खानों का आर्डर करने पर जीएसटी लगेगा। इससे ऐप के माध्यम से खाना मंगवाने पर कर लगेगा और अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से यह फैसला लागू होगा। इसके बाद 5 फीसद जीएसटी भरना होगा। काफी लंबे समय से यह मांग थी कि फूड डिलीवर करने वाली सेवा को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए। 2021 में सितंबर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है।
ये कंपनियां आएंगी दायरे में
अभी तक खाना मंगवाने पर यह टैक्स रेस्टोरेंट की ओर से चुकाया जा रहा था। लेकिन नया नियम लागू होने के बाद फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियां इस टैक्स को भरेंगे न कि रेस्टोरेंट वाले। अब फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियां इसके लिए ग्राहकों से पैसा वसूलेंगी। क्योंकि यह पहले बताया गया था कि कंपनियों को ही यह टैक्स का भार वहन करना होगा। ग्राहक पर इसका भार नहीं डाला जाएगा। लेकिन कंपनियां इसके लिए ग्राहकों पर भार डाल सकती है। जानकारी के मुताबिक, ऐप जिन रेस्टोरेंट के माध्यम से सेवा दे रहे हैं वहां से कर को जमा करके सरकार को देना होगा। पहले रेस्टोरेंट के पास यह जिम्मेदारी थी। देश में अभी जोमैटो के अलावा स्वीगी, फूड पांडा और अन्य कई कंपनियां हैं जो खाना आर्डर करने पर भेजती हैं। टैक्स लगने से खाने और पीने का सामान महंगा होगा।
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