नई दिल्ली: पाकिस्तान एक और फ्रंट पर भारत से पिछड़ता नजर आ रहा है। यह फ्रंट है बुलेट ट्रेन का। एक तरफ जहां भारत सरकार देश में बुलेट ट्रेन तेजी से लाने की कोशिश कर रही है, वहीं पाक के रेल मंत्री ने कहा है कि उनके देश के पास इसके लिए पर्याप्त पैसा ही नहीं है.

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने नेशनल असेंबली में यह बयान दिया है। पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार ने चुनावों के दौरान देश में बुलेट ट्रेन दौड़ाने का वादा किया था। अब सरकार चाहती है कि 46 बिलियन डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रॉजेक्ट के तहत चीन बुलेट ट्रेन बनाने में मदद करे।
सीपीईसी प्रॉजेक्ट का फोकस पाकिस्तान में सड़क निर्माण और ऊर्जा के लिए आधारभूत संरचना खड़ा करना है। इसकी मदद से जहां पाकिस्तान को गंभीर ऊर्जा संकट से निकालने की कोशिश होगी वहीं चीन लैंडलॉक्ट नॉर्थ-वेस्ट हिस्से को अरब सागर के ग्वादर पोर्ट से जोड़ा जाएगा।
डॉन की रिपोर्ट ने पाकिस्तान के रेल मंत्री को कोट करते हुए लिखा कि हमने जब चीनियों से बुलेट ट्रेन के बारे में कहा तो वे हम पर हंस पड़े। हमें सीपीईसी के तहत 160 किमी/घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन को ही बुलेट ट्रेन समझ लेना चाहिए। हम बुलेट ट्रेन का खर्च नहीं उठा सकते। यहां इसका कोई बाजार नहीं है।
हालांकि पाकिस्तान के रेल मंत्री ने माना है कि उनकी सरकार इस प्रॉजेक्ट को लॉन्च नहीं करने को लेकर तमाम आलोचनाओं का शिकार हो रही है। रेल मंत्री ने कहा, ‘अगर हम ऐसा कर भी दें, तो हमारे पास अपर और मिडिल-क्लास यात्रियों की उतनी संख्या है ही नहीं जो टिकट खरीदेंगे।
पाकिस्तानी सरकार और देश की मीडिया सीपीईसी को माहौल बदलने वाला प्रॉजेक्ट मान रही है। वहीं, कई विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रॉजेक्ट की मदद से चीन नेक्स्ट एशियन टाइगर बन जाएगा।
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