भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहे हैं. भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पिछले एक महीने से भूटान-सिक्किम-चीन त्रि-जंक्शन पर डॉकलाल में आमने-सामने है. वहीं पाकिस्तानी मीडिया में भ्रामक खबरें फैलाने की कोशिशें हो रही हैं.

पाकिस्तानी न्यूज चैनल दुनिया न्यूज ने फर्जी खबर चलाई कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में रॉकेट हमला किया है जिसमें 158 भारतीय जवानों को मार दिया है. हालांकि, इंडियन आर्मी और विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान मीडिया की इस खबर को फर्जी करार दिया.
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दुनिया न्यूज टीवी ने घायल हुए भारतीय सैनिकों की एक नकली वीडियो क्लिप भी प्रसारित की और कहा कि चीन के द्वारा भारतीय सीमावर्ती प्रतिष्ठानों पर सीमा पार रॉकेट से गोली मारकर कम से कम 158 भारतीय सैनिक मारे जा चुके हैं.
डॉन टीवी ने भी इसी तरह की रिपोर्ट प्रसारित की. ट्विटर पर भी इस तरह की खबरें आई. इसमें कुछ लोगों ने चीन की “कार्रवाई” की सराहना भी की. साथ ही इसके कुछ वीडियो भी डाले.
ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी मीडिया पाकिस्तानी सेना द्वारा अवधारित नकली युद्ध प्रचार का शिकार बन गया है. क्या पाकिस्तानी सरकार या सेना ने उन्हें नकली खबरों की आपूर्ति करके मीडिया के साथ खेलने की कोशिश की?
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि जिम्मेदार मीडिया को इस तरह की खबरों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. पाकिस्तानी मीडिया की खबर के बारे में पूछे जाने पर बागले ने कहा, ‘इस तरह की खबरें पूरी तरह आधारहीन, विद्वेषपूर्ण और शरारतपूर्ण’ हैं.’
इस बीच, चीनी मीडिया की रिपोर्ट में सामने आई है कि भारत के खिलाफ “त्वरित सैनिकों की सेना” को बढ़ावा देने पर फोरलाइन लड़ाकू अभियानों के लिए जिम्मेदार एक ब्रिगेड ने तिब्बत में “लाइव फायर अभ्यास” आयोजित किया है.
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