हर साल सावन में महादेव के भक्तों को नेपाल की पावन धरती पर पशुपतिनाथ के दर्शन करने की बहुत इच्छा होती है। भारत से हर साल बड़ी संख्या में लोग काठमांडू जाते हैं और बाबा के दर्शन करते हैं। लेकिन इस बार सावन में लोगों को दर्शन मिलना मुश्किल होगा। बताया जा रहा है कि कोरोना की वजह से मंदिर में लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। लोगों को दर्शन के लिए भीड़ की अनुमति नहीं दी गई है। कैसी है वहां की तैयारी। आइए जानते हैं।
नेपाल सरकार ने जारी किया आदेश
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर एहतियात कदम उठाए गए हैं। मंदिर के कपाट पूरे सावन में खोलने की कोई संभावना नहीं है। इस संबंध में नेपाल सरकार की ओर से भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। पशुपति क्षेत्र विकास कोष के सेक्रेटरी मेंबर घनश्यान खतीवड़ा बताते हैं कि 25 जुलाई से सावन शुरू होने के बाद से बाबा पशुपतिनाथ अपने भक्तों को दर्शन नहीं दे पाएंगे।
केवल पुजारी ही कर सकेंगे पूजा
कोरोना में भक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। नेपाली सरकार की ओर से काफी तैयारियां की गई हैं। लोगों को भी बताया गया है कि वे अपने घर पर ही या आसपास की मंदिर में बिना भीड़ लगाए पूजा करें। घनश्याम खतीवड़ा ने बताया कि मंदिर में केवल पुजारियों को ही पूजा और आराधना करने का अधिकार होगा। फिलहाल कोरोना को देखते हुए इसका ही पालन करना होगा।
नेपाल में कोविड का क्या है असर
नेपाल में कोरोना के कई प्रकार अभी तक आ चुके हैं। इसलिए भी काफी सावधानी बरती जा रही है। पिछले दिनों भारत की ओर से कोविशील्ड की 12 लाख खुराक नेपाल को भेजी गई थी। हालांकि वहां अभी भी वैक्सीन को लेकर पूरी तरह स्थिति सामान्य नहीं है। जिनकों वैक्सीन लग चुकी है उनको भी दर्शन की अनुमति मिलेगी या नहीं इस पर भी अभी पूरी तरह संशय है। नेपाल सरकार ने अपनी पड़ोसी सीमाएं भी बंद कर दी हैं। कुछ सीमाओं को भारतीय नागरिकों के लिए खोला गया है लेकिन काफी सख्ती और जांच चल रही है। नेपाल के काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर काफी पुराना है और यह बागमती नदी के किनारे है। यह यूनेस्को की विश्व धरोधर में शाामिल मंदिर है। कहा जाता है कि जब वेद और लिंग लिखे भी नहीं गए थे तब यह मंदिर बन चुका था।
GB Singh