पौष पुत्रदा एकादशी पर संतान प्राप्ति के लिए करें व्रत, दान से कमाएं पुण्य

      वैसे तो हिंदू धर्म के अनुसार जो कैलेंडर निर्धारित है उसके मुताबिक, हमारा नया साल अभी एक माह बाद आएगा। लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से आए नए साल के मुताबिक साल के पौष माह में पुत्रदा एकादशी इसी माह पड़ रही है। यानी जनवरी में पौष माह के दौरान पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहते हैं। इसको काफी खास माना जाता है। यह शुभ है और इस दिन किसी भी प्रकार का स्नान-दान करना काफी पुण्य माना जाता है। साथ ही व्रत करने से मनचाहा फल मिलता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

पुत्रदा एकादशी की खास बात
पुत्रदा एकादशी के बारे में कहा जाता है कि यह व्रत करने से संतान सुख मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन एकादशी व्रत करने से काफी सौभाग्य मिलता है और अच्छा फल मिलता है। पहली एकादशी 13 जनवरी को पड़ रही है। हिंदू धर्म में पौष पुत्रदा एकादशी को काफी खास मानते हैं और इसका बहुत महत्व है। यह काफी श्रेष्ठ व्रत में एक माना जाता है। भगवान विष्णु की पूजा इस व्रत में करते हैं।

जानिए कैसे करें पूजा
पौष अमावस के दिन नदी में स्नान करना अच्छा माना जाता है। अगर नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही स्नान करें और मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाना चाहिए। इस दिन स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना काफी अच्छा माना जाता है। पुत्रदा एकादशी एक साल में दो बार मनाई जाती है। पौष माह के अलावा दूसरी श्रावण महीने में पड़ती है। पौष माह की पुत्रदा एकादशी को काफी खास माना जाता है। पुत्रदा एकादशी 13 जनवरी को है। लेकिन यह 12 जनवरी को शाम 4  बजकर 49 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 13 जनवरी को शाम 7 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि की मानें तो यह व्रत 13 जनवरी को ही रखा जाएगा क्योंकि सूर्य उगने के बाद से ही नए दिन की गणना हिंदू धर्म में होती है। उसके बाद पारण 14 जनवरी को होगा। इसमें पुत्र की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए व्रत करते हैं। इस दिन विष्णु का पाठ करने से लाभ मिलता है। उपवास करके लोग फलाहार करते हैं। शाम को पूजा के बाद दान और ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन भी कराते हैं। और व्रत का पारण करते हैं। एकादशी के दिन चावल ग्रहण नहीं करते।

GB Singh

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com