NPS को लेकर सरकार उठाने जा रही कदम, जानिए फायदा या घाटा

    केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2002 के दौरान सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गई थी। लंबी नौकरी करने के बाद उनके रिटायरमेंट का कोई सहारा नहीं बचा था। उसके बाद तमाम तरह की पेंशन योजना शुरू की गई जिसमें कर्मचारियों को अपनी ओर से निवेश करना होता है। नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस ऐसी ही एक योजना है। लेकिन इस योजना में सरकार अब कुछ नई चीजे जोड़ने जा रही है। इससे पेंशन स्कीम को और आकर्षक बनाया जाएगा। आइए जानते हैं।

कौन कर रहा है काम
पेंशन पर काम करने वाली संस्था पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट एथॉरिटी यानी कि पीएफआरडीए ने इस योजना को बनाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल तैयार किया है जो सलाहकारों को दिया जाएगा। इससे सुझाव मांगे गए हैं। पिछले दिनों में योजना को लेकर एक बयान भी पीएफआरडीए की ओर से आया था कि पेंशन फंड्स और एक्चुरियल फर्मों से भी बातचीत का दौर जारी है। इसके बाद आगे का निर्णय होगा। एथॉरिटी का कानून माने तो मिनिमम तय रिटर्न योजना शुरू कर सकते हैं।

कैसे मिलेगा निश्चित रिटर्न
एथॉरिटी जो ड्राफ्ट बना रही है उसके मुताबिक, एनपीएस की योजना तैयार करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति से किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी चाहिए। इसमें एक ऐसी योजना को चुनना जरूरी होगा जो एक निश्चित न्यूनतम रिटर्न दे सके। ऐसी योजना को रजिस्टर्ड पेंशन फंड की ओर से पेश किया जाना होगा। ऐसे में सलाहकार इस पर काम कर पाएंगे। पीएफआडीए ही पेंशन से जुड़ी योजनाओं पर काम करता है। इसमें एनपीएस और अटल पेंशन योजना पर काम किया है। यह योजना अब तक नहीं बनी है। एथॉरिटी कोई भी गारंटी देने वाली योजना नहीं चलाता है। बता दें कि 2004 को जनवरी में एनपीएस को लागू किया गया था और बाद में राज्यों में भी इसे कर्मचारियों के लिए अपनाया गया। बाद में निजी सेक्टर के लोग भी इससे जुड़े। यह 18 से 60 साल के लिए है।

GB Singh

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