अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो कुछ उपाय हैं जिन्हें करने से आपकी कुंडली से मंगल दोष का प्रभाव खत्म हो जाएगा या ना के बराबर हो जाएगा। कुंडली में अगर कोई भी ग्रह दोष होता है तो इसका सीधा प्रभाव जातक पर पड़ता है और वह ग्रह दोष के चलते मानसिक तनाव में रहता है आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ता है इसके साथ ही साथ मेहनत करने के बावजूद भी उसका फल पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता।
जैसा कि वह चाहता है कई सारी समस्याएं सामने आने लगती हैं जब जातक की कुंडली में ग्रह दोष होता है। उन्हीं ग्रह दोषों में से एक ग्रह दोष मंगल दोष है। अगर जातक की कुंडली में मंगल ग्रह गलत स्थान पर बैठा है तो उसका फल भी गलत ही आएगा यानी कि उस पर मंगल दोष की छाया रहती है।
कैसे करें बचाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी की कुंडली में मंगल दोष है तो वह जातक घर के दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाए तो इसे शुभ मानते हैं। नीम का वृक्ष लगाते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि जब तक पेड़ पढ़ा ना हो जाए उसकी देखभाल करते रहें। मान्यता है कि नीम के पेड़ में साक्षात मंगल देव का वास होता है और वह यहां पर निवास करते हैं।
दक्षिण दिशा है मंगल ग्रह की
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह की दिशा दक्षिण दिशा मानी जाती है इसलिए नीम का वृक्ष हो सके तो दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए। नीम का वृक्ष मंगल की स्थिति को निर्धारित करता है क्या करता है और इसका मंगल का प्रभाव शुभ होगा या अशुभ होगा इसका भी निर्धारण नीम का वृक्ष करता है। इसलिए दक्षिण दिशा में नींम का बड़ा सा पेड़ लगाना जरूरी है और लाभकारी भी है।
नीम के पेड़ को जल करें अर्पित
अगर जातक की कुंडली में मंगल दोष है तो घर में बने नीम के वृक्ष जो घर के पास बना है उसमें रोजाना जल अर्पित करें और जल अर्पित करते समय हनुमान जी का ध्यान जरूर धरें।
ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक नीम कहा संबंध शनिदेव से भी है और कहा जाता है कि नीम की दातुन करने से मंगल दोष कम होता है या खत्म हो जाता है इसके साथ ही कुंडली में स्थापित शनि दोष भी खत्म हो जाता है।
इसके साथ ही आप मंगल दोष से राहत प्राप्त करने के लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर पंचमुखी हनुमान जी का चित्र लगा दे कहा जाता है कि दरवाजे के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में लगे हनुमान जी की मूर्ति या चित्र दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तु दोष दूर करता है और जातक पर हनुमान जी की कृपा सदैव बनी रहती है।