भारतीय क्रिकेट में एक दौर ऐसा भी आया था जब टीम विकेटकीपर की कमी से जूझ रही थी। दरअसल भारतीय टीम के रेगुलर विकेट कीपर नयन मोगिया द्वारा की गई फिक्सिंग के चलते टीम से उन्हें हटा दिया गया था। ऐसे में भारतीय टीम एक विकेटकीपर की कमी से जूझ रही थी। बता दें कि नयन मोगिया ने भारत के लिए 7 साल क्रिकेट खेला था।
इस बीच उन्होंने 44 टेस्ट और 140 वन डे मैचों में हिस्सा लिया था लेकिन अचानक मैच फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद से टीम से उनके बाहर होने के बाद टीम मैनेजमेंट ने कई खिलाड़ियों को ट्राई किया था। 1 साल के भीतर टीम में 5 विकेटकीपर्स को टीम में शामिल किया गया जिनमे से एक खिलाड़ी विजय दहिया भी थे। हालांकि युवराज ज़हीर के साथ अपने करियर की शुरुआत करने वाले विजय दहिया को केवल 19 मैच खेलने का ही मौका मिला था।
बल्ले से दम दिखाने में रहे असफल
विजय ने अपना इंटरनैशनल डेब्यू आईसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट में केन्या के खिलाफ किया था। बता दें कि इस मैच को इंडिया ने 8 विकेट से जीत लिया था। केन्या के 208 रनों के जवाब में इंडिया ने केवल 2 विकेट खो कर आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया था। इस मैच में विजय को बैटिंग करने का मौका नहीं मिला था। लेकिन दहिया ने 2 खिलाड़ियों का विकेट लेने में सफल रहे थे। दहिया ने अपने खेले कुल 19 मैचों में से 16 की मामूली औसत से 216 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 51 रन रहा था। इसके अलावा दहिया ने भारत के लिए 2 टेस्ट मैचों में भी हिस्सा लिया है जिसमें से उन्होंने सिर्फ 2 ही रन बना पाए हैं।
अपनी कोचिंग से गंभीर को कप दिलाने में की है मदद
इंटरनैशनल क्रिकेट में असफलता हाथ लगने के बाद भी दहिया रणजी क्रिकेट में दिल्ली के लिए कप्तानी करते रहे। हालांकि 2006 में टीम से ड्राप होने पर उन्होंने घरेलू क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। इसके बाद ही 2007-08 सीजन के लिए उन्होंने दिल्ली रणजी टीम के कोच की भूमिका भी निभाई थी। अपने पहले सीजन में ही दहिया ने दिल्ली की टीम को 16 साल बाद रणजी चैंपियन बनाया था। इसी वजह से दहिया को आईपीएल में कोलकाता टीम में सहायक कोच की भूमिका में नियुक्ति मिली। साल 2012 में गंभीर के साथ मिलकर उन्होंने कोलकाता को आईपीएल टाइटल दिलाने में महतवपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वर्तमान दिल्ली के साथ जुड़े हैं दहिया
आईपीएल में अच्छी सफलता मिलने के बाद दहिया को दिल्ली कैपिटल्स ने 2019 में हेड ऑफ टैलेंट सर्च के पद पर नियुक्त किया है। टीम के लिए दहिया नए-नए टैलेंट की तलाश करते रहे हैं। दिल्ली की टीम में युवा खिलाड़ियों की फ़ौज है जिसे दहिया ने ही तैयार किया है। आईपीएल में दिल्ली की सफलता का श्रेय काफी हद तक विजय दहिया को भी जाता हैं।
ऋषभ वर्मा
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