ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान को आतंकवाद की वजह से अलग-थलग करने के मुद्दे पर रूस ने भारत का समर्थन करने की बजाय चुप्पी साधे रखी।
रूस ने साधे रखी चुप्पी
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर के मुताबिक चीन पहले से ही जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का नाम गोवा डिक्लेरेशन में लाने का रास्ता बंद कर चुका था। लेकिन रूस ने भी पाकिस्तान के इन दोनों आतंकवादी संगठनों को लेकर भारत के प्रस्ताव पर चुप्पी साधे रखी। जबकि ब्रिक्स में शामिल देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकवादी संगठनों की सूची को स्वीकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मोदी नहीं घेर सके पाकिस्तान को
रूस की चुप्पी के परिणामस्वरुप भारत ब्रिक्स समिट में पाकिस्तान को उस तरह से घेर नहीं सका जैसा वह चाहता था। रूस के इस बदले रवैये की वजह उसके हाल ही में पाकिस्तान के साथ बढ़ी नजदीकी भी है। पाकिस्तान के साथ रूस ने एंटी- टेरर एक्सरसाइज बताकर कई सैन्य अभ्यास किए हैं।