प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि दुनिया भारत की नीतियों और इसकी ग्रोथ क्षमताओं के बारे में इसके मुखिया से जानना चाहती है। दावोस में 125 करोड़ भारतीयों की सफलता गाथा को सुनाकर उन्हें बहुत गर्व की अनुभूति होगी। वहीं इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने रोजगार और जीएसटी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों का भी जवाब दिया।
दावोस में इस महीने के अंत में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक होने जा रही है और प्रधानमंत्री इसमें भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और इसे सभी रेटिंग एजेंसियों के साथ ही विश्व ने भी स्वीकार किया है।
दावोस में हो रही डब्ल्यूईएफ की बैठक देश के लिए अच्छा अवसर है क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार होने के साथ ही जनसांख्यिकीय विविधताओं वाला भी देश है। ऐसे में वह दुनिया के आकर्षण का केंद्र है और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में लंबी छलांग लगाई है।
ऐसे में विश्व के देश उससे सीधा संपर्क करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दावोस एक तरह से अर्थ जगत की बड़ी पंचायत बन गई है, जहां अर्थ जगत की बड़ी हस्तियां, नीति निर्माता शिरकत करते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही इसमें शामिल होने की इच्छा थी लेकिन जा नहीं पा रहा था। इस बार एशियान बैठक हो रही हैं और इसमें भारत प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
जीएसटी को लेकर पूछे गए सवाल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैं जीएसटी का विरोध कर रहा था तो मेरे साथ तमिलनाडु व अन्य राज्य भी उसके विरोध में थे। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि तत्कालीन यूपीए सरकार जीएसटी को लेकर सभी राज्यों को संतुष्ट नहीं कर पाई थी।
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