PM मोदी ने कोयला खदानों की नीलामी को किया लॉन्च, बोले- भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा

 प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने गुरुवार को 41 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया को लॉन्च किया। इस लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ‘इतने चुनौतीपूर्ण समय में इस तरह के इवेंट का होना, आप सभी का उसमें शामिल होना एक बड़ी आशा जगाता है और विश्वास का एक बड़ा संदेश लेकर आता है। भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे बढ़ेगा भी। आपदा कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, भारत उसे अवसर में बदलने के लिए कृतसंकल्प है।’ प्रधानमंत्री ने इस नीलामी प्रक्रिया के उद्घाटन कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया है।

PM Modi Speech Highlights

भारत बन सकता है आत्मनिर्भर

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कहा, ‘आप अपना विश्वास, अपना हौसला बुलंद रखिए, हम ये कर सकते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत बन सकते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की जो यात्रा 130 करोड़ भारतीयों ने शुरू की है, उसमें आप सभी बहुत बड़े भागीदार हैं। भारत की सफलता, भारत की ग्रोथ निश्चित है। हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं। आप याद करिए, सिर्फ कुछ सप्ताह पहले तक हम N-95 मास्क, कोरोना की टेस्टिंग किट, पीपीई, वेंटिलेटर, अपनी जरूरत का ज्यादातर हिस्सा हम बाहर से मंगाते थे।’

अर्थव्यवस्था तेजी से कर रही वापसी

पीएम ने कहा, ‘ये नीलामी ऐसे समय में हो रही है, जब भारत में व्यापारिक गतिविधियां तेज़ी से नॉर्मल हो रही हैं। खपत और मांग बड़ी तेज़ी से कोरोना वायरस से पहले के स्तर की तरफ आ रही है। ऐसे में इस नई शुरुआत के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता। ये जितने भी संकेतक हैं, वो दिखा रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से वापसी करने के लिए तैयार हो गई है, आगे चल पड़ी है। साथियों, भारत बड़े से बड़े संकटों से बाहर निकला है, इससे भी निकलेगा।

आदिवासी भाई-बहनों का जीवन बनेगा आसान

पीएम ने कहा, ‘कोयला क्षेत्र से जुड़े ये रिफॉर्म्स पूर्वी और मध्य भारत को, हमारी आदिवासी इलाकों को, विकास का स्तंभ बनाने का भी बहुत बड़ा ज़रिया है। देश में 16 आकांक्षात्मक जिले ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं। लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर, बड़े शहरों में रोगगार के लिए पलायन करते हैं। कोल सेक्टर में हो रहे रीफॉर्म, इस सेक्टर में हो रहा निवेश, लोगों के जीवन को, विशेषकर हमारे गरीब और आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।’

2030 तक 100 मिलियन टन कोयले को गैसीफाई करने का लक्ष्य

पीएम ने कहा, ‘कोयला से गैस बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नॉलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से पर्यावरण की भी रक्षा होगी। कोयला से गैस बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नॉलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से पर्यावरण की भी रक्षा होगी। कोल रिफॉर्म्स करते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि पर्यावरण की रक्षा का भारत का कमिटमेंट कहीं से भी कमजोर न पड़े। हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोयला को गैसीफाई किया जाए। मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे।’

हर हितधारक के लिए फायदेमंद है नीलामी

पीएम ने कहा, ‘वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए आज जो ये नीलामी की शुरुआत हो रही है वो हर हितधारक के लिए फायदेमंद स्थिति है। इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने निवेश के लिए अब नए रिसोर्सेज मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा। जब हम कोयला उत्पादन बढ़ाते हैं तो विद्युत उत्पादन बढ़ने के साथ ही स्टील, एल्यूमिनियम, फर्टिलाइजर, सीमेंट जैसे तमाम दूसरे सेक्टर्स में उत्पादन और प्रोसेसिंग पर भी सकारात्मक प्रभाव होता है।’

पूरा कोयला क्षेत्र बनेगा आत्मनिर्भर

पीएम ने कहा, ‘साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया। ऐसे कदमों के कारण कोयला क्षेत्र को मजबूती भी मिली। अब भारत ने कोयला और घनन के सेक्टर को प्रतिस्पर्धा के लिए, पूंजी के लिए, भागीदारी और तकनीक के लिए, पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है। एक मजबूत माइनिंग और मिनरल सेक्टर के बिना आत्मनिर्भरता संभव नहीं है। क्योंकि मिनरल्स और माइनिंग हमारी अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ हैं। इन रिफॉर्म्स के बाद अब कोयला उत्पादन, पूरा कोयला क्षेत्र भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा।’

कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकाल रहे

पीएम ने कहा, ‘जो देश कोयला भंडार के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक हो, वो देश कोयला का निर्यात नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है। हमारे यहां दशकों से यही स्थिति चल रही थी। देश के कोयला क्षेत्र को बंदी और गैर-बंदी के जाल में उलझाकर रखा गया था। इसको प्रतिस्पर्धा से बाहर रखा गया था, पारदर्शिता की एक बहुत बड़ी समस्या थी।’ आज हम सिर्फ वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी ही लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।’

जमीन पर उतर रहे रिफॉर्म्स

पीएम ने कहा, ‘महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, चाहे एमएसएमई के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और खनन के क्षेत्र में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं। आज ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। ये दिखाता है कि भारत इस संकट को अवसर में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना संकल्पबद्ध है।’

आत्मनिर्भर भारत के ये हैं मायने

पीएम ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत यानी भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानी भारत आयात पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानी भारत को आयात नहीं करना पड़े, इसके लिए अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानी आज हम जो आयात करते हैं, कल हम उसी के सबसे बड़े निर्यातक बनेंगे।’

इससे पहले कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि इन कोयला खदानों के वाणिज्यिक खनन के लिए अगले पांच-सात वर्षों के दौरान देश में 33,000 करोड़ रुपये तक का निवेश किया जाएगा। इन खदानों से राज्य सरकारों को सालाना करीब 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। मंत्रालय ने बताया था कि कोयला खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का हिस्सा है। मंत्रालय ने कहा, ‘ खनन क्षेत्र इस्पात, एल्युमीनियम, बिजली, स्पांजी आयर जैसे कई बुनियादी उद्योगों के लिये कच्चे माल का प्रमुख स्रोत है।’

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘ये कोयला खदानें 22.5 करोड़ टन उत्पादन की क्षमता रखती हैं। ये खदानें देश में 2025-26 तक कुल कोयला उत्पादन में करीब 15 फीसद का योगदान देंगी।’ मंत्रालय ने बताया कि इन खदानों की नीलामी से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। वहीं, इससे  70,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगाार मिलने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि यह नीलामी प्रक्रिया कोल सेक्टर को वाणिज्यिक खनन के लिये खोलने की शुरुआत है।

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