प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार सरकार के शीर्ष वैज्ञानिक अधिकारियों के साथ बैठक की. इन अधिकारियों में नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी के सारस्वत, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉक्टर आर चिंदबरम और केन्द्र सरकार के विभिन्न विज्ञान विभागों के सचिव शामिल थे. बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान में हुई प्रगति की जानकारी दी.आज देश को मिलेगा 14वां राष्ट्रपति, और हो सकता है आज राष्ट्रपति के लिए इस बड़े उम्मीदवार के नाम का ऐलान…
बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकि और नवाचार भारत की प्रगति और समृद्धि के लिए बेहद जरुरी है. उन्होंने कहा कि देश की समस्याओं के समाधान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विज्ञान का इस्तेमाल सरकार की प्राथमिकता है.
खेल जगत में प्रतिभाओं की खोज का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्कूली छात्रों में भी विज्ञान विषयों में इसी तरह प्रतिभाओं की खोज की एक प्रणाली विकसित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर कई तरह के नवोन्मेषण हो रहे हैं. इन नवोन्मेषणों का लाभ सब तक पहुंचाने के लिए एक सक्षम व्यवस्था विकसित की जानी चाहिए. उन्होंने इस संदर्भ में रक्षाकर्मियों द्वारा किए गए नवाचार का भी उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में प्रोटीन युक्त दालों, खाद्यपदार्थों को पोषण युक्त बनाने तथा तीसी में मूल्य संवर्धन को प्राथमिकता के तौर पर लेते हुए इस दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता बताई.
ऊर्जा के क्षेत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ईंधन के आयात पर निर्भरता घटाने के लिए सौर ऊर्जा के सर्वाधिक इस्तेमाल की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए.
आम लोगों का जीवन स्तर सुधारने तथा इस रास्ते में आने वाली चुनौतियों से निबटने में भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से देश के स्वाधीनता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर 2022 तक इस दिशा में एक निश्चित लक्ष्य तय करने का अनुरोध किया.