प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के पहले अखिल भारतीय आर्युवेद संस्थान को राष्ट्र को समर्पित किया. दूसरे आर्युवेद दिवस के मौके पर नई दिल्ली के सरिता विहार में पीएम ने इसका उद्घाटन किया. इस संस्थान को एम्स की तर्ज पर बनाया गया है. इसे बनाने में 157 करोड़ रुपये की लागत आई है.अभी-अभी: RSS कार्यकर्ता की गोली मारकर उतारा मौत के घाट, सीसीटीवी से हुआ खुलासा..
पीएम ने इस मौके पर सभी को दिवाली की बधाई भी दी. पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी देश विकास के लिए कितना प्रयत्न करे लेकिन अपने इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए. अपनी विरासत छोड़ कर आगे बढ़ने वालों की पहचान खत्म हो जाती है.
मोदी ने कहा कि पहले के दौर में हमारा देश काफी समृद्ध था, हमारे पास जो श्रेष्ठ था उसको ध्वस्त करने में बाहरी लोग जुट गए थे. जब हमें गुलामी से मुक्ति मिली तो उसके बाद हम अपने इतिहास को सरंक्षित नहीं कर पाए. पिछले 3 साल में हमारी सरकार ने पुरानी विरासत को संजोने का काम कर रही है.
आर्युवेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धित नहीं है, इसके दायरे में सामाजिक स्वास्थय और सांस्कृतिक स्वास्थय भी आते हैं. पीएम ने कहा कि देश के हर जिले में आर्युवेद से जुड़ा अस्पताल हो, इस दिशा में सरकार काम कर रही है.
पीएम ने कहा कि जो लोग आज आर्युवेद पढ़ कर निकलते हैं क्या सच में सौ प्रतिशत लोग इस में ही रहते हैं. उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स में भी आर्युवेद का विस्तार किया जा सकता है.
एआईआईए की स्थापना 10 एकड़ क्षेत्र में की गई है और इस पर 157 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल है और इसमें एक एकेडिमिक ब्लॉक भी है.
देश के इस पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना आयुष मंत्रालय के तहत की गई है जो आयुर्वेद और इलाज के लिए अपनाए जा रहे मॉडर्न टेक्निक के बीच तालमेल बिठाने का काम करेगा.