मोदी सरकार जनता के लिए एक और तोहफा लेकर आ रही है वे भी प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज के लिए. इसके लिए उन्होंने सोमवार को संसद में बिल पेश कर दिया है जिसपर बहुत जल्द मौर लग सकती है सरकार ने एंप्लॉयीज के लिए ग्रैच्यूटी की लिमिट बढ़ाने और अधिक मैटरनिटी लीव देने की बात इस बिल में की है इस बिल के पास होते ही प्राइवेट सेक्टर में ग्रैच्यूटी लिमिट सरकारी कर्मचारियों की तरह बढ़ाकर 20 लाख रुपए होने की उम्मीद है. श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बिल सदन में पेश किया है.
इन 10 कारणों में छिपे हैं भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार के असली सच…
आपको बता दें केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पेमेंट ऑफ ग्रैच्यूटी (अमेंडमेंट) बिल को संसद में पेश करने के लिए 12 सितंबर को हरी झंडी दी थी. इससे प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज के लिए भी ग्रैच्यूटी लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया जाएगा. इस कानून का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराना है. इसके अलावा मैटरनिटी बेनेफिट (अमेंडमेंट) ऐक्ट, 2017 के जरिए मैटरिनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर अधिकतम 26 सप्ताह किया जाएगा.
सरकार ने कहा कि इन्फ्लेशन और वेतन में बढ़ोतरी के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों के साथ ही प्राइवेट सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों के लिए ग्रैच्यूटी की सीमा बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए ऐक्ट में संशोधन करने के बजाय केंद्र सरकार को अधिकार देने का प्रपोजल भी दिया गया है। इससे वेतन और इन्फ्लेशन में बढ़ोतरी और भविष्य के वेतन आयोगों को ध्यान में रखकर ग्रैच्यूटी की लिमिट बढ़ाई जा सकेगी. ग्रैच्यूटी की रकम नौकरी के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिन के वेतन के आधार पर तय की जाती है. इसकी अधिकतम सीमा अभी 10 लाख रुपए है जो 2010 में तय की गई थी. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद ग्रैच्यूटी की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की गई है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features