प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra MODI) आज विज्ञान भवन में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। पीएम इसके साथ ही सत्र को संबोधित भी करेंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), न्यायमूर्ति एनवी रमना और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू के साथ सभी 25 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे। छह साल बात आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए न्याय के सरल वितरण के लिए रूपरेखा तैयार करने और न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही न्यायपालिका से जुड़ी इमारतों के लिए ‘नेशनल ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर अथारिटी आफ इंडिया’ के गठन का मुद्दा भी इसमें उठ सकता है।

CJI रमना ने रिक्तियों का मुद्दा उठाया
इससे पहले शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 39वें सम्मेलन की अध्यक्षता की। रिक्तियों के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए, CJI रमना ने कहा, “हमारे सामूहिक प्रयासों के कारण, हम एक वर्ष से भी कम समय में विभिन्न उच्च न्यायालयों में 126 रिक्तियों को भर सकते हैं। हम 50 और नियुक्तियों की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं सरकार ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत अदालती प्रक्रियाओं में बुनियादी ढांचे में सुधार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के एकीकरण के लिए कई पहल की गई हैं।
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से की अपील
सीजेआइ रमना ने इसी के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से भी अनुरोध किया कि अगर हाई कोर्ट में अभी भी कई रिक्तियां हैं तो उसे जल्द से जल्द पदोन्नति के लिए नाम अग्रेषित करें। दूसरी ओर सीजेआइ ने कुछ उच्च न्यायालयों द्वारा दोन्नति के लिए नाम अग्रेषित करने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की।
1953 में पहला सम्मेलन हुआ था आयोजित
पहला मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन नवंबर 1953 में आयोजित किया गया था और अब तक 38 ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। पिछला सम्मेलन वर्ष 2016 में आयोजित किया गया था। वहीं मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन और मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन दोनों को सीजेआई रमण की पहल पर अब छह साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features