कॉलेजों में प्रोफेसर के तबादलों को लेकर आने वाले सिफारिशों से परेशान उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया का दर्द रविवार को सामने आ गया। प्रदेश भाजपा कार्यालय में पुस्कालय पर आयोजित एक कार्यशाला के उद्धाटन के मौके पर जयभान सिंह पवैया ने कहा कि तबादला सीजन ने मुझे बहुत तनाव दिया है। प्रधानमंत्री को छोड़कर ऐसा कोई नहीं है जिसने अपने परिचित प्रोफेसर के लिए तबादले की सिफारिश न की हो। तबादलों के लिए बड़े-बड़े लोगों से सिफारिशें आई थीं, मैं उनके नाम नहीं बता पाउंगा।
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तबादलों की वजह से 20 प्रतिशत बाल झड़ गए
पवैया ने कहा कि तबादला सीजन ने मुझे बहुत तनाव दिया। इस दबाव की वजह से मेरे 20 प्रतिशत बाल झड़ गए, पहले मैं इतना गंजा नहीं था।
कहां लिखा था कि हमेशा महानगर में रहना है?
पवैया ने प्रोफेसर्स पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनकी नौकरी लगी थी तो यह कहां लिखा था कि सवा लाख स्र्पए महीने की तनख्वाह में हमेशा महानगर में ही रहना है। प्रोफेसर का वेतन मंत्रियों से ज्यादा होता है, इसके बाद भी वे जिलों में नहीं जाना चाहते।
मंडीदीप भी कालापानी लगता है
प्रोफेसर की आरामतलबी पर पवैया ने कहा कि शिक्षक शहर से 35 किमी दूर जाने से भी कतराते हैं। मंडीदीप ट्रांसफर कर दो तो वह भी कालापानी की सजा जैसी लगती है।
इतनी बड़ी लॉबिंग कैसे कर लेते हो?
पवैया ने कहा कि इतने बड़े-बड़े लोगों के फोन मेरे पास ट्रांसफर के लिए आए कि मैं हैरान रह गया। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि प्रोफेसर इतनी बड़ी लॉबिंग कैसे कर लेते हैं? यदि गांव में किसी का तबादला कर दिया तो वे या परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ जाता है और शहर में आते ही ठीक हो जाता है। ये कैसा सिस्टम है, मैं समझ नहीं पा रहा हूं।
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