दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुई करीब 11,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित धन शोधन के एक मामले में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स की याचिका पर शुक्रवार (6 अप्रैल) को प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा. याचिका में आरोप लगाया गया है कि जांच एजेंसी ने कंपनी के दस्तावेज और सामान गैरकानूनी तरीके से जब्त किए हैं. न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई एस मेहता की पीठ ने जांच एजेंसी ने इस मामले में ईडी को नोटिस जारी किए. अदालत में डीडी की तरफ से अधिवक्ता अमित महाजन खड़े थे.
अदालत अब इस मामले पर आगे 11 अप्रैल को सुनवाई करेगी. गीतांजलि जेम्स की तरफ से पेश अधिवक्ता संजय एबॉट ने कंपनी की चल संपत्ति को कुर्क किए जाने के निदेशालय के कदम को अमान्य घोषित करने का निर्देश जारी किए जाने का अनुरोध किया. कंपनी ने अदालत से अनुरोध किया है कि प्रवर्तन निदेशालय को 22 फरवरी के तलाशी वारंट की नकल, उसके परिसरों पर छापे के आधार पर तैयार की गयी जांच रपट (ईसीआईआर) और उसकी परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखे जाने वाले स्थानों और सारे दस्तावेजों की प्रतिलिपि मुहैया कराने का भी निर्देश देने के लिए कहा.
इससे पहले यह बात सामने आई थी कि गीतांजलि ज्वैलर्स को 2500 करोड़ का कर्ज देने वाले कंपनी के शीर्ष 3 निदेशक जो कि हीरा कारोबार से जुड़े थे, के महीने की आय 12000 से 15000 रुपए थी. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,400 करोड़ के घोटाले की जांच कर रही एजेंसी ने यह बात कही है. सूत्रों ने कहा कि ये निदेशक तीन परिचालन ऋणदाता कंपनी… एशियन इम्पेक्स, प्रीमियर इंटरट्रेड और आईरिस मेरकैंटाइल… के लिए काम करते थे. ये तीनों ही मुखौटा कंपनियां थीं जो कि 1 प्रतिशत के चार्ज पर गीतांजलि ज्वैलर्स के चेक को कैश कराने का काम करती थी. सीबीआई समेत कई एजेंसियां नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चौकसी द्वारा पीएनबी के साथ की गयी 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच कर रही हैं.
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