पंजाब नेशनल बैंक में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा 126 अरब का महाघोटाला करने में मदद करने वाले कर्मचारियों ने विदेश में काफी संपत्ति खरीदी है। घोटाले की जांच कर रहे बैंक ने अब ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ अलग से मुकदमा दर्ज करने जा रही है।
विदेश में खोले बैंक अकाउंट
पीएनबी के जांच अधिकारियों के अनुसार, घोटाले में साथ देने वाले कर्मचारियों ने विदेश में बैंक अकाउंट खोलकर वहां पर पैसे भी जमा किए हैं। अब बैंक अपने इन पूर्व कर्मचारियों से सारा पैसा वसूलने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए बैंक ने कानूनी सलाह लेनी शुरू कर दी है।
क्या पैसा रिकवर हो पाएगा?
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई और ईडी के पास देश से बाहर जांच के अधिकार नहीं हैं, इसलिए वे पैसा रिकवर नहीं कर पाएंगी. ऐसे कर्मचारियों से निपटने के लिए एक कानूनी रणनीति बनाने की जरूरत है. बैंक ने नीरव मोदी केस के फॉरेंसिक ऑडिट का काम बीडीओ इंडिया को सौंपा है।
मिलीभगत से हुआ नुकसान
लॉ फर्म एमजेडएम के मैनेजिंग पार्टनर जुल्फीकार मेमन ने कहा, ‘कथित भ्रष्टाचार का पैसा कहां रखा गया है, इसका पता एजेंसियां लगा सकती हैं। उसके बाद पीएनबी कुछ कर्मचारी और नीरव मोदी के बीच मिलीभगत के मामले में आपराधिक केस दर्ज करा सकता है। बैंक यह कह सकता है कि इस मिलीभगत के चलते उसने नुकसान हुआ।’
मेहुल चोकसी ने फिर की सीनाजोरी
मशहूर ज्वैलरी फर्म गीतांजलि ग्रुप के प्रमोटरों में से एक मेहुल पीएनबी घोटाले में दर्ज की गई एफआईआर में नामजद अभियुक्तों में से एक हैं।
उन्होंने सीबीआई की तरफ से पूछताछ के लिए भेजे गए पत्र के जवाब में उपस्थित होने से इंकार कर दिया है। चोकसी का कहना है कि अपुष्ट आरोपों के चलते उन्हें अपना व्यापार अचानक बंद करना पड़ा है। इससे उनके परिवार को भी पुराने साथियों से खतरा पैदा हो गया है।
चोकसी ने सीबीआई को 16 मार्च की तारीख वाले ताजा पत्र में अपनी खराब सेहत, निलंबित पासपोर्ट और मीडिया में चल रही खबरों का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने से इंकार किया है। चोकसी ने केस की जांच कर रहे अधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि अभी तक क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से मेरा संपर्क नहीं हुआ है और मेरा पासपोर्ट अब भी निलंबित चल रहा है। मैं कोई बहाना नहीं बना रहा हूं, लेकिन मेरे भारत लौटने के लिए बचा क्या है?