पंजाब-हरियाणा में दो दिनों से हो रही घटनाओं से सबक नहीं लिया पुलिस ने। थानाध्यक्षों को नहीं दिए गए थे सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के निर्देश। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम मामले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस की पोल खुल गई। दो दिनों से हरियाणा पंजाब में हो रही घटनाओं पर यदि दिल्ली पुलिस समय पर चेतती तो शायद दिल्ली में हिंसक व आगजनी की घटनाएं नहीं होती।
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दिल्ली पुलिस ने इस मामले को शुरू से ही गंभीरता से नहीं लिया था। दिल्ली पुलिस ने खुफिया इनपुट्स मिलने के बाद सभी जिला डीसीपी को डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों की संख्या पता लगाने का ही आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस का खुफिया विभाग भी फेल हो गया।
ऐसे सामने आई दिल्ली पुलिस की लापरवाही
1. दिल्ली पुलिस इस बात का अंदेशा नहीं लगा सकी कि बाबा राम रहीम मामले में फैसला आने के बाद दिल्ली में हिंसक व आगजनी की घटनाएं हो सकती हैं। इसके नतीजा ये हुआ कि राम रहीम को दोषी ठहराते ही पंचकूला में भड़की हिंसा की आग दिल्ली में पहुंच गई।
2.दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर फैसला आने के बाद होने वाली हिंसक घटनाओं का दिल्ली पुलिस अंदाजा नहीं लगा सकी थी और न ही आगजनी आदि को लेकर दिल्ली पुलिस को किसी तरह के खुफिया विभाग से इनपुट्स नहीं मिले थे। दिल्ली पुलिस को खुफिया विभाग से समर्थकों पर नजर रखने के इनपुट्स मिले थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने डेरा सच्चा सौदा समर्थकों की संख्या और उनके ठिकानों की संख्या बताने के लिए कहा था।
3.दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच डेरा समर्थकों का आंकड़ा जुटाने में लग गई थी। जिलों में चौकसी बरतने व अलर्ट रहने आदेश के कोई आदेश नहीं दिए गए थे।
4.अमर उजाला संवाददाता ने बृहस्पतिवार को जब एक दर्जन से ज्यादा थानाध्यक्षों से डेरा सच्चा सौदा मामले को लेकर उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें डेरा सौदा मामले को लेकर चौकसी बढ़ाने आदि के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
5. एक जिला डीसीपी ने तो यहां तो कह दिया था कि सीनियर पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ नजर रखने के लिए कहा है। कोई कड़े आदेश नहीं दिए गए। समर्थकों की संख्या तैयार करने के लिए कहा गया।
6.दिल्ली पुलिस अधिकारी ही मानते हैं कि दिल्ली पुलिस के अलर्ट पर नहीं होने से ही दिल्ली में हिंसक घटनाएं हुई हैं। हिंसक घटनाएं होते ही दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने शुक्रवार देर शाम को प्रेस वार्ता बुलाकर दावा किया कि दिल्ली में स्थिति काबू में है। कुछी छुटपुट हिंसाओं केअलावा कोई बड़ी घटना नहीं हुई है।
7.दिल्ली पुलिस ने न तो हिंसा को रोकने के लिए न तो उचित कदम उठाए और न ही थानाध्यक्षों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया था।
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