लखनऊ: समाजवादी पार्टी से जुड़ी तेज तर्रार ने प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक का मोह शायद समाजवादी पार्टी से खत्म हो गया है। उन्होंने अब समाजवादी पार्टी से रिश्ता तोड़ दिया है।

पंखुरी पाठक सपा प्रमुख अखिलेश यादव की काफी करीबी मानी जाती हैं। वह पिछले आठ सालों से समाजवादी पार्टी के लिए काम कर रही थीं। प्रवक्ता लिस्ट में नाम नहीं होने के बाद पंखुरी पाठक ने ट्वीट किया कि भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूं कि समाजवादी पार्टी के साथ अपना सफर मैं अंत कर रही हूं। 8 साल पहले विचारधारा और युवा नेतृत्व से प्रभावित होकर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी।
लेकिन आज न वह विचारधारा दिखती है न वह नेतृत्व , जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को लेकर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियां लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है। यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है।
ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता कर के बने रहना अब मुमकिन नहीं है। अगले ट्वीट में वह लिखती हैं कि मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफवाहें फैलाई जाएंगी, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूंए ना ही किसी से जुडऩे का सोच रही हूं।
अन्य जिम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह गई थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूंगी। एक और ट्वीट में पंखुरी पाठक ने लिखा कि अगर मैं अपने सिद्धांतों और स्वाभिमान की लड़ाई नहीं लड़ सकी तो समाज के जरूरतमंदों की लड़ाई कैसे लड़ूंगी। यह मतभेद वैचारिक हैं, व्यक्तिगत नहीं। किसी व्यक्ति या दल से विश्वास उठ जाए तो परे हो जाना ही बेहतर है राजनीति ही तो सबकुछ नहीं और भी तरीके हैं समाज सेवा करने के।
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