मुम्बई: अविश्वास प्रस्ताव के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री मोदी के गले मिलने को जहां भाजपा नेता उनकी नादानी और बचकानापन करार दे रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने इसे नफरत और प्यार की परिभाषा से जोड़ दिया है। मुंबई कांग्रेस ने राहुल की पीएम मोदी को झप्पी का एक पोस्टर चिपकाया है जिसमें लिखा है नफरत से नहीं प्यार से जीतेंगे।

बता दें कि इस झप्पी की चर्चा इस वक्त पूरे देश में हो रही है। भाजपा नेताओं ने राहुल को बचकाना नेता और कांग्रेस का खोटा लोहा बताया है। हालांकि कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि राहुल ने इस झप्पी के जरिए संदेश दिया कि वह नफरत की राजनीति में विश्वास नहीं रखते। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक रैली के दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधा।
उन्होंने राहुल का नाम लिए बिना कहा कि उनको पीएम की कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिखता है। इसका उदाहरण उन्होंने राहुल गांधी शुक्रवार को संसद में भी दे दिया। हमने अविश्वास प्रस्ताव का कारण पूछा, लेकिन वो कारण तो बता नहीं पाए और सीधे गले ही पड़ गए। गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल गांधी ने खुद को पप्पू कहकर भी संबोधित किया था।
उन्होंने कहा था आप लोगों के अंदर मेरे लिए नफरत है। आपके अंदर मेरे लिए गुस्सा है। मैं आपके लिए पप्पू हो सकता हूं। आप मुझे गाली भी दे सकते हैं। लेकिन आपके लिए मेरे दिल में थोड़ा सा भी गुस्सा नहीं है क्योंकि आपने मुझे हिंदुस्तानी, एक कांग्रेसी होने का मतलब सिखाया है। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।
राहुल ने अपना भाषण खत्म करते ही प्रधानमंत्री मोदी की सीट के पास जाकर उन्हें गले लगा लिया था। इस बात पर किरकिरी होता देख राहुल ने शनिवार को ट्वीट के जरिए अपने भाषण का सार बताने की कोशिश की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि प्रधानमंत्री घृणा का प्रयोग करते हैं। हमारे कुछ लोगों के दिल में व्याप्त भय और क्रोध ही उनके भाषण का आधार है। लेकिन हम साबित करके रहेंगे कि सभी भारतवासियों के दिलों का प्यार और दया ही राष्ट्र निर्माण का एकमात्र रास्ता है।
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