लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और उसके चाचा शिवपाल के बीच चल रही कोल्ड वार ने आज एक नया मोड़ ले लिया। लगातार उपेक्षा के बाद पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने अपने अलग समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा यूपी में नया सियासी विकल्प होगा। इसके जरिए मैं छोटे दलों को जोड़ूंगा। वहींए इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा है कि जैसे.जैसे चुनाव नजदीक आएगा तमाम चीजें देखने को मिलेंगी फिर भी सपा की साइकिल बढ़ती ही रहेगी। शिवपाल सिंह ने कहा कि सपा में अपनी इज्जत न होने से मैं आहत हूं।
मुझे किसी भी मीटिंग में नहीं बुलाया जाता था। उन्होंने ये भी कहा कि उस पार्टी में अब नेताजी का भी सम्मान नहीं किया जाता है। उनकी उपेक्षा से मैं बहुत दुखी हूं। उन्होंने कहा कि जिसका भी सम्मान सपा में नहीं हो रहा है वे हमारी पार्टी में आ जाएं। शिवपाल सिंह ने भाजपा में जाने की बात को अफवाह बताया। मंगलवार को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव के बीच काफी देर गुफ्तगू हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच सेक्युलर मोर्चे को लेकर अहम बातचीत हुई थी। इससे पहले लोहिया ट्रस्ट की बैठक में सोमवार को ही मुलायम-शिवपाल ने ट्रस्ट के कार्यों की गहन समीक्षा और आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा की थी।
इसके अगले ही दिन दोनों एक साथ फिर बैठे। इस दौरान एक शिवपाल समर्थक नेता की ओर से गठित सेक्युलर मोर्चे को लेकर रणनीति बनाई गई।लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैंए इसके मद्देनजर शिवपाल ने अपनी अलग ही पार्टी बना ली है। शिवपाल समर्थकों का मानना है कि राजनीतिक क्षेत्र में दखल बरकरार रखने के लिए इस मोर्चे का बनना जरूरी था। शिवपाल समर्थकों का मानना है कि उन्हें चुनाव की रणनीति बनाने में महारत हासिल है। 2012 के चुनाव में सपा की जीत में उनकी भूमिका अहम थी।