लखनऊ: लखनऊ के मेयर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कुसुम वर्मा का अचानक टिकट कटाने के पीछे अब जो बात निकल कर सामने आ रही है, वह बहुत अहम है। कांग्रेस ने कुसुम शर्मा रिटायर्ड महिला आईएएस अफसर को लखनऊ से मेयर पद का प्रत्याशी बनाया था उसका नाम ही मतदाता सूची में नहीं मिला। सिर्फ यही नहीं उनके पास नामांकन दाखिल करने के लिए जरूरी कागजात और अनापत्ति प्रमाणपत्र भी नहीं थे।
नतीजा नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन मंगलवार को पार्टी को कुसुम शर्मा के स्थान पर प्रेमा अवस्थी को उम्मीदवार घोषित करना पड़ा।
कांग्रेस ने सोमवार की देर रात कुसुम शर्मा को लखनऊ से मेयर का प्रत्याशी घोषित किया था। मंगलवार सुबह जब वह सिंबल लेने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पर पहुंची तो पार्टी के लीगल सेल के सामने नामांकन पत्र के साथ लगाए जाने वाले उनके प्रमाणपत्र रखे गए।
लीगल सेल के चेयरमैन और अधिवक्ता गंगा सिंह ने इनकी जांच के बाद दो बड़ी खामियां बताईं। जल संस्थान, बिजली विभाग और नगर निगम की एनओसी में आवासीय पता अलग-अलग था। साथ ही मतदाता सूची की प्रमाणित प्रतिलिपि भी वह नहीं दिखा सकीं। गंगा सिंह ने कहा कि इन कमियों के चलते कुसुम शर्मा का पर्चा खारिज हो सकता है।
इसकी जानकारी तत्काल प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर को दी गई। कुछ ही देर में प्रत्याशी बदलने का फैसला हुआ और टिकट के तीन अन्य दावेदारों.पार्टी की प्रदेश महामंत्री प्रेमा अवस्थी, प्रदेश उपाध्यक्ष अनुसुइया शर्मा और आरती वाजपेयी के नाम पर विचार हुआ। हाईकमान ने पूर्व विधायक स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ अवस्थी की पत्नी प्रेमा अवस्थी को सिंबल देने का निर्देश दिया। तब तक कुसुम शर्मा भी पार्टी कार्यालय से सिंबल ले जा चुकी थीं।