नई दिल्ली: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की जीत का सेहरा जहां एक तरफ पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के सिर पर है, वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी इन चुनावों में अहम भूमिका रही। खासकर गुजराज चुनाव में। गुजरात चुनाव में मिली जीत के बाद राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका कद बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने गुजरात के जिन विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा या फिर रोड शो कियाए उसमें से 25 से ज्यादा सीटें जीतने में भाजपा कामयाब रही है।
हालांकिए कुछ सीटों पर हार भी मिली है। हिमाचल प्रदेश में भी सीएम ने 20 जनसभाएं की थीं। वहां से भी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुजरात में ताबड़तोड़ 35 जनसभाएं कीं और अलग.अलग क्षेत्रों में रोड शो भी किया।
इसके अलावा उन्होंने गुजरात गौरव यात्रा में भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने ज्यादातर जनसभाओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया। उन्होंने पूछा कि जो अब मंदिर-मंदिर जा रहे हैंए वह पहले क्या कहते थे? बोलते थे कि मंदिर में छेड़छाड़ होती है। मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण पर भी कांग्रेस को घेरा साथ ही विकास के गुजरात मॉडल को बेहतर बताते हुए वोट मांगा।
नतीजों से जाहिर है कि इसे जनता ने पसंद किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुजरात में सबसे ज्यादा चुनाव प्रचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां 36 जनसभाएं कीं वहीं योगी ने 35 जनसभा करके वोट मांगा। गुजरात गौरव यात्रा में लंबी दूरी तय की। गुजरात में एंटी इन कंबेंसी, जातीय समीकरण में उलझी भाजपा ने योगी का इस्तेमाल प्रखर हिंदुत्व के चेहरे के रूप में किया।
इस पर वह खरे उतरे हैं। हिमाचल, गुजरात चुनाव में जीत का हीरो भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बताया जा रहा हैए लेकिन मुख्यमंत्री योगी की भूमिका भी कम नहीं है। इन चुनावों के नतीजों से मुख्यमंत्री का राजनीतिक कद बढ़ेगा। आने वाले विधानसभा चुनावों में भी वह भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे। खास करके पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार में भाजपा मुख्यमंत्री योगी को फ्रंट पर रखना चाहेगी।
(सभार-अमर उजाला)