लखनऊ: निकाय चुनाव से समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटक लगा है। सपा की युवा नेता और वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर ने सपा से किनारा कर लिया। सपा की महिला विंग का बड़ा चेहरा कही जाने वाली अपराजिता सोनकर ने लखनऊ भाजपा मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉण् महेंद्र नाथ पांडेय की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
साइकिल छोड़ कमल थामने वाली अपराजिता ने कहा कि उन्होंने विकास के लिए भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। पार्टी की नीतियों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही भाजपा ने जिला पंचायत पर काबिज होने की कवायद शुरू कर दी थी। भाजपा की ओर से सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया।
बावजूद इसके अविश्वास प्रस्ताव साबित नहीं होने पर अपराजिता की कुर्सी बच गई। उस दौरान भी चर्चा रही कि पार्टी से साठगांठ होने के कारण कुर्सी बचाई गई है। भाजपा सही वक्त का इंतजार भाजपा कर रही थी। निकाय चुनाव के दौरान सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता को भाजपा में शामिल कर पार्टी ने विरोधियों को करारी पटखनी दी है।
जिले के नेताओं को भी इसकी भनक सदस्यता ग्रहण करने के बाद लगी। पूर्व में भी अपराजिता ने पार्टी में शामिल होने का प्रयास किया था तो उस दौरान यहां के नेताओं ने शामिल नहीं कराया था। सदस्यता ग्रहण कराने के दौरान उनके साथ भाजपा नेता अशोक तिवारी रहे।
अपराजिता को भाजपा में शामिल कराने में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और अनुसूचित मोर्चा के नेता मनोज सोनकर का नाम आ रहा है लेकिन इसके पीछे पड़ोसी जिले के एक सांसद की भूमिका अहम रही। नगर निकाय चुनाव के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर ने सपा को तगड़ा झटका दिया है। पार्टी की महिला विंग का बड़ा चेहरा कही जाने वाली अपराजिता के पार्टी छोडऩे से सपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। पार्टी भी इस फैसले से हतप्रभ है।