राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसकी बड़ी वजह पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के बयान माने जा रहे हैं। पार्टी के नेता भले ही इनकार करें, लेकिन तेज प्रताप एवं आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) की अदावत जग-जाहिर है। तेज प्रताप के बयानों से आहत होकर पहले भी आरजेडी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने अपने निधन से चंद दिनो पहले इस्तीफा दे दिया था। ताजा हालात को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि क्या नाराज जगदानंद सिंह भी पद या पार्टी छोड़ देंगे? हालांकि, डैमेज कंट्रोल (Damage Control) की कवायद जारी है।
पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे तेज प्रताप से आहत जगदानंद
आरजेडी में सबकुछ ठीक नहीं (All in not well in RJD) चल रहा है। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ये कयास इसलिए तेज हुए हैं कि पार्टी के इतिहास में पहली बार स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष ध्वजारोहण के लिए कार्यालय नहीं पहुंचे। तेज प्रताप के बयान से आहत जगदानंद ने कुछ दिनों से कार्यालय आना छोड़ दिया है, लेकिन उम्मीद थी कि वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जरूर आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्पष्ट है कि इस बार जगदानंद सिंह की नाराजगी गंभीर दिख रही है। खैर, स्थिति संभालते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Bihar Assembly) व लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पार्टी कार्यालय में झंडाेत्ताेलन (Flag Hoistiong) किया।
लालू के लाल की अमर्यादित टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
ताजा विवाद लालू के लाल तेज प्रताप की जगदानंद सिंह के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी से शुरू हुआ है। तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में एक सप्ताह पहले छात्र आरजेडी की बैठक में जगदानंद सिंह को ‘हिटलर’ (Jagdanand Singh called as Hitler) कह डाला था। उन्होंने कहा था कि आरजेडी का कोई भी कार्यक्रम हो, जगदानंद सिंह भी सिस्टम बनाने में लगते हैं, हिटलर की तरह बोलने लगते हैं। इतना ही नहीं, तेज प्रताप ने इशारों में यह भी कह डाला कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं, आज किसी के पास है तो कल किसी और के पास होगी।
कई बार नाराज हो चुके जगदानंद, इस बार मामला गंभीर
जगदानंद सिंह आरजेडी में अपनी अनुशासन प्रिय सख्त छवि के लिए जाने जाते हैं। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव के साथ उनकी अच्छी ट्यूनिंग है। जबकि, लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव उनके खिलाफ आए दिन बयानबाजी करते रहे हैं। ज्यादा दिन नहीं हुए, जब आरजेडी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को निशाने पर लिया था। बताया जाता है कि इसके बाद जगदानंद ने लालू प्रसाद यादव के पास अपना इस्तीफा भेज दिया था। हालांकि, तब लालू के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था। खुद जगदानंद सिंह ने बाद में किसी नाराजगी व इस्तीफे से इनकार किया था। तेज प्रताप के समय-समय पर दिए बयानों से जगदानंद सिंह नाराज होते व मानते रहे थे, लेकिन इस बार मामला गंभीर दिख रहा है।
आहत रघुवंश ने निधन के ठीक पहले दे दिया था इस्तीफा
तेज प्रताप के निशाने पर केवल जगदानंद सिंह नहीं नहीं रहे हैं। पार्टी के कद्दावर नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह की तुलना तो तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के समंदर में एक लोटा जल से कर बवाल खड़ा कर दिया था। रघुवंश की नाराजगी के और भी कई कारण थे, लेकिन तेज प्रताप की टिप्पणी ने भी उन्हें आहत किया। रघुवंश कोरोनावायरस संक्रमित हो गए। आगे पोस्ट काेविड बीमारी के कारण अपने निधन के ठीक पहले उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया। तब रघुवंश जैसे लालू के राजनीतिक सफर के पुराने सहयोगी के पार्टी छोड़ने को तेज प्रताप के बयानों से जोड़ा गया।
क्या आरजेडी में दोहराया जाएगा रघुवंश का इतिहास?
अब सवाल यह है कि क्या आरजेडी में रघुवंश के इस्तीफे का इतिहास दोहराया जाएगा? तेजस्वी यादव इससे इनकार करते हुए पार्टी में सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन यह सवाल खड़ा है कि क्या लालू के एक और पुराने राजनीतिक सहयोगी जगदानंद सिंह पद या पार्टी छोड़ देंगे?