लखनऊ: वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव आने वाला है। ऐसे में सभी पालीटिक्ल पार्टियां वोटर को रिझाने के लिए अपनी-अपनी कोशिश में लगी है। केन्द्र और यूपी की भाजपा सरकार भी इससे पीछे नहीं है। यहीं वजह है कि भाजपा सरकार ने वोटर को लुभाने के लिए और अपना वोटबैंक मजबूत करने के लिए इस बार 36 लाख से अधिक परिवार के साथ मिलकर दीपावाली का त्यौहार मनाने की रणनीति बनायी है।
पिछले सार दीपावाली से लेकर इस साल दीपावाली के बीच 48 हजार मजरों यानि गांव को ऊर्जीकृत किया गया है। इन मजरों में कुल 36 लाख से अधिक लोगों को पहली बार बिजली का कनेक्शन मिला है और लोगों के घर रोशनी हुई है। अब भाजपा इन लोगों को अपने वोट बैंक में तबदील करने के लिए उनके साथ मिलकर दीपावली मनाने की प्लानिंग कर रही है।
भाजपा के कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि इन लोगों के घर जाकर उनको सम्मानित करेंगे और भेंट स्वरूप दीपक भी देंगे। सिर्फ इतना ही नहीं भाजपाई इन लोगों के साथ मिलकर दीपावली का त्यौहार भी मनायेंगे। भाजपा ने इसके लिए अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। केन्द्र और राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के पदाधिकारी इन कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे।
यहां तक कि जिला प्रशासन भी इस तरह के कुछ कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन का मकसद वोटर तक पहुंचना और उनको वोट बैंक में तबदील करना है।
अगर यूपी की बात की जाये तो आने वाला 2019 लोकसभा का चुनाव यहां काफी अहम रहने वाला है। एक तरफ ने जहां विपक्ष के एक जुट होने की बात चल रही है, तो वहीं दूसरी तरह सत्ता में मौजूद भाजपा फिर से सत्ता में काबिज होने के लिए एड़ी जोटी का जोर लगाने में जुटी है। आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे कुछ भी हों, पर इस बार लोगों की दीपावल कुछ मायनों में अलग होगी।