पटना: बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का पहला दिन राज्यपाल के अभिभाषण और शोक प्रस्ताव के साथ खत्म हुआ। पहले ही कांग्रेस विधायक अमित कुमार टुन्ना और एमएलसी प्रेमचन्द्र मिश्रा बैलगाड़ी के साथ सदन पहुंच गए। मामला किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का था लेकिन कांग्रेस की इस कोशिश को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त बयानबाजी का दौर देखने को मिला।
सोमवार को बजट सत्र का आगाज हुआ। आमतौर पर सत्र के पहले दिन ज्यादा कुछ खास देखने को नहीं मिलता है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद शोक प्रस्ताव के साथ सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। लेकिन सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने बजट सत्र को लेकर अपनी मनसा जाहिर कर दी।
विधायक अमित कुमार टुन्ना किसानों के मुद्दों के समर्थन में बैलगाड़ी से विधानसभा पहुंच गये। हलांकि उनकी बैलगाड़ी को विधानसभा परिसर के अंदर आने से रोक दिया गया। अमित कुमार टुन्ना के साथ सदन आ रहे एमएलसी प्रेमचन्द्र मिश्रा और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर बहस हुई। विधानसभा की गेट पर तैनात मैजिस्ट्रेट ने प्रेमचन्द्र मिश्रा को विधान सभा सचिव से भी बात करायी लेकिन दोनों मानने को तैयार नहीं थे। हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों कांग्रेसी विधायक गिरफ्तारी देने तक के लिए तैयार हो गये।
प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि देश और राज्य में किसानों की स्थिती खराब है। हम किसानों के समर्थन में प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने आये हैं लेकिन हमें रोका गया जबकि इसी सदन में सत्तारुढ़ दल के विधायक बग्गी और घोड़ा गाड़ी से आते रहे हैं। उन्हें किसी ने नहीं रोका। विधायक अमित कुमार टुन्ना ने कहा कि सरकार किसानों को लेकर अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। सदन के अंदर किसानों के साथ हो रही नाइंसाफी का जवाब सरकार को देना होगा।