दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट यानी आईजीआई में अब इलेक्ट्रिक वाहन ही दिखेंगे। फैसला लिया गया है कि यहां प्लेन तक पहुंचने के लिए अब इलेक्ट्रिक वाहनों को उपयोग में लाया जाएगा। इससे प्रदूषण को नियंत्रण में लाने का प्लान बनाया गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट इंटरनेशनल लिमिटेड ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में एक हजार टन प्रति वर्ष कमी लाने का लक्ष्य रखा है। इससे काफी हद तक प्रदूषण कम किया जा सकेगा। आइए जानते हैं क्या है पूरा फैसला।

चार हफ्तों में चलेंगे 62 वाहन
दिल्ली में प्रदूषण काफी ज्यादा हो गया है और यह हर साल बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली सरकार ने भी तेजी से सड़कों पर विद्युत वाहनों को उतारने का काम शुरू कर दिया है। वहीं, इंदिरा गांधी हवाईअड्डे पर चार माह के भीतर ही 63 इलेक्ट्रिक वाहनों को लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि रनवे, टैक्सीवे और एप्रन जो प्लेन के आने और जाने से जुड़े हैं उनको हवाई परिचालन क्षेत्र यानी एयरसाइड एरिया कहते हैं। अब जो नए वाहन आएंगे उनका इस्तेमाल यहीं पर होगा।
शुरू हुआ हरित परिवहन कार्यक्रम
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड यानी डायल की ओर से हरित परिवहन कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह चरणबद्ध तरीके से परिचालन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन चलाएंगे। पहले कम से कम 62 वाहन बेड़े में शामिल होंगे। इसके बाद संख्या बढ़ाई जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि यह यह योजना सफल होती है तो कम से कम हर साल एक हजार टन ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम होगा। वाहन चार माह के अंदर ही चलेंगे। साथ ही यहां चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।
GB Singh
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