लखनऊ: अगर सब कुछ ठीक चला तो दो माह के अंदर उत्तर प्रदेश में लोगों को पेट्रोल पम्प जाने की शायद जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसके पीछे की वजह से जल्द ही यूपी में पोर्टेबल पम्प की सुविधा शुरू होने वाली है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक कम्पनी से एमओयू भी साइन किया है।
शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब लोगों को पेट्रोल और डीजल लेने के लिए ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। इसके लिए सरकार अगले दो महीने में प्रदेश भर में दो हजार पोर्टेबल पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी कर रही है। इस सेक्टर में काम कर कंपनी एलिंज से प्रदेश सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया है। इसके बाद कंपनी अगले दो महीने में यहां अपना काम शुरू कर सकती है।
चेक गणराज्य में इसी सेक्टर में काम कर रहे इंद्रजीत पृथी ने बताया कि केंद्र सरकार ने अक्टूबर-17 में इन पंपों की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी एलिंज फिलहाल चेक रिपब्लिक सहित कई देशों में काम कर रही है।वह भारत में ऐसे सहयोगी तलाश रहे थे जिनके साथ इन पंपों को ला सकें।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्री सतीश महाना से चर्चा के बाद दो हजार करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया जा चुका है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर पेट्रोल पंपों पर्र इंधन चोरी पकड़ी गई थी। ऐसे में ग्राहकों को ज्यादा विश्वसनीय पेट्रोल पंपों की जरूरत है।
इंद्रजीत का दावा है कि पोर्टेबल पेट्रोल पंप में चोरी की गुंजाइश नहीं हैं। कंपनी लखनऊ में अपने 85 पोर्टेबल पेट्रोल पंप लगाएगी। इस पंप का अपना पावर बैकअप होगा, बिजली नहीं होने पर भी चलेगा काम।
दो घंटे में किसी भी जगह लगाया जा सकता है पंपए आम पंप में लगते हैं तीन साल। बेहद कम जगह घेरने की खासियत। स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिहाज से सुरक्षित। नागरिक सेल्फ सर्विस से भरेंगे ईंधनए जरूरी होने पर ही लगाया जाता है स्टाफ । कैमरा, जीपीआरएस सिस्टम व सेटेलाइट से कनेक्ट होने के कारण रहती है सुरक्षा।
सभी तरह के क्रेडिट, डेबिट कार्ड व इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट से कर सकते हैं भुगतान।किसी भी तरह की मिलावट या कम सप्लाई की चिंता होगी खत्म।