नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को घेरा था। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रशांत ने गुरुवार (2 दिसंबर 2021) को नाम लिए बगैर एक ट्वीट किया जिसमें मजबूत विपक्ष के नेतृत्व को लेकर कॉन्ग्रेस की कथित दावेदारी पर सवाल उठाया गया था।
प्रशांत ने अपने ट्वीट में लिखा कि, ‘कांग्रेस जिस विचार और जगह का प्रतिनिधित्व करती है वो एक मजबूत विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण है। किन्तु कांग्रेस का नेतृत्व एक विशेष शख्स का ही दैवीय अधिकार नहीं है। खासकर, तब जब पार्टी बीते 10 वर्षों में अपने 90 फीसद चुनाव हार चुकी है। विपक्ष के नेतृत्व का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने दें।’ इससे पहले बुधवार (1 दिसंबर 2021) को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि अब कोई संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) नहीं बचा है। इसके बाद PK ने विपक्ष की अगुवाई के लिए लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराए जाने का आह्वान किया है। विभिन्न दलों के लिए चुनावी रणनीति तैयार कर चुके PK के इस बयान पर कांग्रेस ने भी तल्ख़ प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि हम कंसल्टेंट की बातों पर जवाब नहीं देते हैं। विशेषकर तब जब उन्होंने मोदी जी के साथ काम किया हो। ममता बनर्जी को लेकर सुरजेवाला ने कहा कि उन्हें फैसला करना होगा कि वे फासीवादी ताकतों के साथ हैं या उनके विरुद्ध। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘यहाँ जिस व्यक्ति की चर्चा की जा रही है, वह RSS से भारतीय लोकतंत्र को बचाने और संघर्ष करने के अपने नैसर्गिक दायित्व का निर्वहन कर रहा है। कोई वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं रखने वाला एक पेशेवर सियासी दलों/ व्यक्तियों को चुनाव लड़ने के संबंध में सलाह देने के लिए स्वतंत्र है, किन्तु वह हमारी राजनीति का एजेंडा निर्धारित नहीं कर सकता।’ बता दें कि कुछ महीने पहले PK के कांग्रेस में शामिल होने के भी कयास लगे थे। राहुल गाँधी से उनकी मुलाकात ने भी इन अटकलों को बल दिया था।