
साल में एक बार पड़ने वाली शिवरात्रि फरवरी में पड़ती है। जबकि सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि दरअसल सिर्फ सावन में ही नहीं बल्कि यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि है। इस शिवरात्रि का काफी महत्व बताया गया है। इस बार यह छह अगस्त को शाम छह बजे से मनाई जाएगी। इस दिन माता पार्वती और शिव की पूजा की जाती है। बताया जाता है कि इस दिन दोनों की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है और कष्ट दूर होते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन भी खुशहाल होता है।
क्या है शुभ मुहूर्त
सावन की शिवरात्रि मनाने का शुभ मुहूर्त शुक्रवार छह अगस्त को है। यह चतुर्दशी तिथि शुरू होने पर मनाया जाएगा। चतुर्दशी तिथि छह अगस्त को शाम छह बजकर 28 मिनट पर शुरू होगा। फिर इसकी समाप्ती सात अगस्त को शाम सात बजकर 11 मिनट पर होगा। यह पूजा बुध, शुक्र और सूर्य ग्रह के बदलने से काफी अच्छा फल देने वाली होगी। ये दिनों ग्रह बदलने से जीवन में अच्छा होगा। व्रत का पारण शनिवार सात अगस्त को सुबह पांच बजकर 46 मिटर से दोपहर तीन बजकर 45 मिनट तक है।
ऐसे करें पूजा और जाने महत्व
शिवरात्रि के महत्व से सभी परिचित हैं। सावन की शिवरात्रि और भी ज्यादा महत्वपूर्ण मानी गई है। बता रहे हैं कि 25 दिनों तक कुछ राशियों पर मां लक्ष्मी की मेहरबानी होगी। पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। साफ कपड़े पहनकर घर के मंदिर में दीपक जलाएं। व्रत भी कर सकते हैं। इसके बाद शिवलिंग पर गंगा जल से अभिषेक करें और फूल चढ़ाएं। इस दिन माता पार्वती के साथ गणेश की पूजा भी करें यह काफी शुभ है। भोलेनाथ को भोग लगाएं और आरती करें। भगवान का ध्यान करें। उन पर बेल पत्र और दूध भी चढ़ाएं।
GB Singh
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